उत्तरकाशी: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए जारी ड्रिलिंग का काम बृहस्पतिवार को फिर से रोकना पड़ा। ड्रिलिंग के लिये जिस मंच पर उपकरण लगे हैं उसमें कुछ दरारें आ गईं जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा। ड्रिलिंग का काम रुकने से अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के प्रयास को एक और झटका लगा।
अधिकारियों ने कहा कि बचाव कर्मी ड्रिलिंग फिर से शुरू करने से पहले उस मंच को “स्थिर” करेंगे जिस पर 25 टन की ऑगर मशीन लगी हुई है। सुरंग में 11 दिनों से फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ढहे हुए हिस्से के मलबे में स्टील पाइप के टुकड़े डाले जा रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने गुरुवार को कहा कि उत्तरकाशी सुरंग में मलबे के माध्यम से ड्रिलिंग करने वाली ऑगर मशीन को फिर से 'कुछ कठिनाइयों' का सामना करना पड़ रहा है। बचाव पाइप अब तक लगभग 47 मीटर तक चला गया है और श्रमिकों तक पहुंचने के लिए 10 मीटर और दूरी तय करने की जरूरत है।
आपको बता दें कि मजदूर 12 नवंबर से फंसे हुए हैं जब सिल्कयारा से बरकोट तक निर्माणाधीन सुरंग सिल्कयारा की ओर 60 मीटर की दूरी में मलबा गिरने के कारण अवरुद्ध हो गई थी। बचावकर्मी कथित तौर पर फंसे हुए समूह से केवल 12 मीटर की दूरी पर हैं। एम्बुलेंस तैयार हैं और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में एक विशेष वार्ड तैयार रखा गया है।
एजेंसी इनपुट के साथ