Uttarkashi tunnel rescue: दिल्ली जल बोर्ड में काम कर रहे रैट माइनर्स से मिले सीएम केजरीवाल, 41 मजदूरों की बचाई जान!, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 1, 2023 06:54 PM2023-12-01T18:54:21+5:302023-12-01T18:55:39+5:30
Uttarkashi tunnel rescue: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उन ‘रैट-होल’ खनिकों से मुलाकात की जिन्होंने सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के बचाव अभियान में भाग लिया था। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
Uttarkashi tunnel rescue: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उत्तरकाशी सुरंग बचाव में शामिल रैट माइनर्स से मुलाकात की। ये माइनर दिल्ली जल बोर्ड के लिए काम करते हैं। इस दौरान दिल्ली की मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे।
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि जिन लोगों को आप यहां देख रहे हैं, वे सालों से दिल्ली जल बोर्ड की टीम से जुड़े हैं और मैन्युअल खुदाई करते हैं। इन लोगों ने अपनी मशीनरी और मेहनत के साथ, सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए 41 श्रमिकों तक बोरिंग करके पाइप पहुंचाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पूरी टीम को सम्मानित किया।
#WATCH | Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal met rat-hole miners, involved in Uttarkashi tunnel rescue, today. These rat-hole miners work for the Delhi Jal Board.
— ANI (@ANI) December 1, 2023
Delhi Minister Atishi and Saurabh Bharadwaj were also present. pic.twitter.com/tl0Hy5lcil
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान में शामिल टीम के सदस्य विपीन ने कहा कि हमें देश की सेवा करने का जो सौभाग्य मिला वह अतुल्य है और सर्वोपरी है। हमारी जगह यदि किसी और को भी ये सौभाग्य मिलता तो वो भी इस काम में इतना ही खरा उतरता... इसमें केवल हमारा ही योगदान नहीं है बल्कि देश की कई एजेंसियों का भी योगदान है।
#WACTH | Delhi Minister Atishi says, "...The people you see here are associated with the Delhi Jal Board team and do manual excavation. With their machinery and manpower, they pushed a pipe to the 41 workers who were trapped (at the Silkyara tunnel). Through that, the workers… pic.twitter.com/z5aTjacmbV
— ANI (@ANI) December 1, 2023
उत्तराखंड में सुरंग का एक हिस्सा ढहने से मजदूर उसमें फंस गए। 17 दिनों तक कई एजेंसियों की मदद से चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को उन्हें बचाया गया। मलबे को साफ करते समय एक अमेरिकी ऑगर मशीन के सामने बाधा आने के बाद 'ड्रिलिंग' करने के लिए ‘रैट-होल’ खनन विशेषज्ञों के 12 सदस्यीय दल को बुलाया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक, उनमें से कुछ दिल्ली जल बोर्ड के लिए सीवर लाइनें और पाइपलाइन बिछाने में शामिल हैं। उन्होंने बताया, “केजरीवाल ने दिल्ली के खनिकों से मुलाकात की। बैठक के दौरान जल मंत्री आतिशी और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे। खनिक बृहस्पतिवार को उत्तराखंड से लौटे।”
#WATCH | Members of the team share their experience of joining the Uttarkashi tunnel rescue; Vipin says, "The opportunity of serving the country is unparalleled. Had it been someone else instead of us, he too would have done everything...The team worked tirelessly and was… pic.twitter.com/vyWSyeZGKv
— ANI (@ANI) December 1, 2023
रैट-होल खनन में श्रमिकों के प्रवेश और कोयला निकालने के लिए आमतौर पर 3-4 फीट गहरी संकीर्ण सुरंगों की खुदाई की जाती है। क्षैतिज सुरंगों को अक्सर “चूहे का बिल” (रैट होल) कहा जाता है, क्योंकि प्रत्येक सुरंग लगभग एक व्यक्ति के प्रवेश के लिए ही उपयुक्त होती है।
उत्तराखंड की सिलक्यारा सुंरग में बचाव अभियान के तहत क्षैतिज खनन के लिए ‘ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘नवयुग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा 12 (रैट होल) विशेषज्ञों को बुलाया गया था।
#WATCH | Delhi: All the rescued workers of Jharkhand from the Silkyara tunnel leave for Jharkhand. pic.twitter.com/OJP2vL3tKs
— ANI (@ANI) December 1, 2023