बागेश्वरः उत्तराखंड में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। बागेश्वर के मुख्य चिकित्साधिकारी डीपी जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन राम दास का बागेश्वर के जिला अस्पताल में निधन हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक व्यक्त किया।
चंदन राम दास लंबे समय से बीमार थे। मंत्री के निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर और तीन दिन (26-28 अप्रैल) का राजकीय शोक घोषित किया गया है। 1980 में राजनीति शुरू किया था। 1997 में बागेश्वर नगर पालिका के निर्दलीय अध्यक्ष बने थे। 2006 में भाजपा में शामिल हो गए। 2007, 2012, 2017 और 2022 में विधायक चुने गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लिखा, मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी श्री चंदन राम दास जी के आकस्मिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति...
मंत्री को सीने में जकड़न महसूस होने की शिकायत के चलते दोपहर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था । उन्होंने बताया कि उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें आइसीयू में ले जाया गया लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उन्होंने बताया कि उपचार के बावजूद रामदास की स्थिति बेहतर नहीं हुई और इस कारण हवाई एंबुलेंस से किसी और अस्पताल में भी उन्हें नहीं ले जाया जा सका। बागेश्वर से 2007 से भाजपा के टिकट पर लगातार चार बार विधायक रहे रामदास (65) को पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में पहली बार मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली थी।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के मंत्री चंदन रामदास के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को उत्तराखंड के परिवहन और समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्होंने इस पहाड़ी राज्य के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। रामदास का दिल का दौरा पड़ने से बुधवार को बागेश्वर में निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उत्तराखंड सरकार में मंत्री चंदन रामदास के निधन से दुखी हूं। उन्होंने उत्तराखण्ड के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया और बड़ी लगन से लोगों की सेवा की। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।’’ बागेश्वर से 2007 से भाजपा के टिकट पर लगातार चार बार विधायक रहे रामदास को पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में पहली बार मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली थी।