Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस ने मोहन प्रकाश को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया, किशोर उपाध्याय पर कई आरोप, सभी पद से हटाया
By भाषा | Updated: January 12, 2022 21:41 IST2022-01-12T21:39:34+5:302022-01-12T21:41:40+5:30
Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तराखंड में चुनाव अभियान प्रबंधन की निगरानी और समन्वय के लिए मोहन प्रकाश को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को चुनाव होना है।
Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस ने बुधवार को अपने वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तराखंड में चुनाव अभियान प्रबंधन की निगरानी और समन्वय के लिए मोहन प्रकाश को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। बयान में कहा गया है, ‘‘ वह (मोहन प्रकाश) कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी (देवेंद्र यादव) के साथ समन्वय बनाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।’’
मोहन प्रकाश मौजूदा समय में कांग्रेस के प्रवक्ता हैं। पार्टी के महासचिव भी रह चुके हैं। उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को चुनाव होना है। कांग्रेस ने बुधवार को अपनी उत्तराखंड इकाई के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर भाजपा के साथ मेलजोल बढ़ाने का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया।
उत्तराखंड के पार्टी प्रभारी देवेंद्र यादव द्वारा इस संबंध में उपाध्याय को लिखे पत्र में कहा गया है कि उन्हें भाजपा तथा अन्य राजनीतिक दलों के साथ मेलजोल बढ़ाने और भाजपा के कुशासन एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्टी की लड़ाई को कमजोर करने के प्रयास के मद्देनजर पार्टी के सभी पदों से हटाया जा रहा है।
पत्र में यादव ने उपाध्याय पर उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से दी गई कई चेतावनियों को नजरअंदाज करने तथा पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता जारी रखने का आरोप भी लगाया है। टिहरी विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे उपाध्याय 2014 से 2017 तक पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष थे। नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में बनी प्रदेश की पहली निर्वाचित सरकार में उपाध्याय राज्य मंत्री रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तराखंड चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से इस माह की शुरुआत में उपाध्याय ने मुलाकात की थी जिसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई थीं। हालांकि, उपाध्याय ने कहा था कि भाजपा नेता से उनकी मुलाकात को विशेष महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।