दो महीने घर में कैद रहे सेवानिवृत्त फौजी और उनकी पत्नी, खाना तक नहीं हुआ नसीब, मदद के लिए कोई आगे नहीं आया...
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 3, 2021 11:42 IST2021-02-03T11:40:36+5:302021-02-03T11:42:12+5:30
बिलौना वार्ड के सेवानिवृत्त फौजी जमन सिंह नेगी (65) और उनकी पत्नी देवकी देवी (55) को बदहवास हालात में जिला अस्पताल लाया गया.

बुजुर्ग दंपति के पुत्र ने बताया कि वार्ड में रहने वाले कुछ दबंगों ने उनके परिवार की यह हालत की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
देहरादूनः उत्तराखंड की बागेश्वर नगरपालिका के बिलौना वार्ड में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला प्रकाश में आया है. यहां बुजुर्ग दंपति पिछले दो महीने से घर में कैद रहे.
इस दौरान उनको भोजन भी नसीब नहीं हुआ. लेकिन, उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. पड़ोसियों का कहना है कि सेना से रिटायर्ड बुजुर्ग अक्सर शराब पीकर गालीगलौज करते थे, इस वजह से सभी ने उसने किनारा कर लिया था. बिलौना वार्ड के सेवानिवृत्त फौजी जमन सिंह नेगी (65) और उनकी पत्नी देवकी देवी (55) को बदहवास हालात में रविवार को सुबह जिला अस्पताल लाया गया.
बुजुर्ग दंपति की हालत बेहद खराब थी. नाखून और बाल काफी बढ़े हुए थे. कपड़े बेहद मैले थे और शरीर काफी कमजोर हो गया था. वे ठीक से बोल भी नहीं पा रहे थे. जिसने भी उन्हें ऐसी हालात में देखा उसके मन में कई सवाल उमड़ पड़े. दंपति के बड़े बेटे जगत सिंह नेगी ने बताया कि वह और उसका छोटा भाई दिल्ली में नौकरी करते हैं.
शनिवार को उसके पास एक वीडियो आया, जिसमें घर का दरवाजा बंद था और कुछ पुलिस वाले घर के अंदर घुसे तो मां और पिता की हालात बेहद खराब देखी. उन्हें इस हालात में देखकर फौरन घर के लिए निकला और यहां देखा कि मां और पिता बदहाल हालत में हैं. वह बोलने की स्थिति में भी नहीं थे.
कमरों की खिड़कियां और दरवाजे टूटे थे. घर में मकान की मरम्मत के लिए रखा लोहा और सीमेंट गायब था. मां के जेवर भी नहीं थे. उन्होंने बताया कि दो माह से घर में कैद मां और पिता की सुध लेने की जहमत पड़ोसियों ने भी नहीं उठाई. फोन पर मां और पिता से बातचीत हो जाती थी.
पिछले तीन माह से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. बहन से दो माह पहले ही उनकी हालात के बारे में पता चला तो चिंता दूर हो गई. आज मां और पिता को इस स्थिति में देखकर दिल विचलित हो गया. बुजुर्ग दंपति के पुत्र ने बताया कि वार्ड में रहने वाले कुछ दबंगों ने उनके परिवार की यह हालत की है. दबंगों के डर से उसके माता-पिता को कमरे में कैद होने पर मजबूर होना पड़ा है. आसपास के लोग भी दबंगों के डर के कारण उनकी मदद नहीं कर सके.
छोटे बेटे सुरेश सिंह नेगी ने फोन पर हुई बातचीत में गांधी नाम के एक शख्स पर पिता के रुपए ऐंठने का आरोप लगाया. अस्पताल में भर्ती देवकी देवी से डॉक्टरों ने पूछताछ की तो वह सही जवाब नहीं दे पा रही थीं. टूटे-फूटे शब्दों में डर के मारे बाहर नहीं निकलने की बात कर रही थीं. वह बीच-बीच में बोल रही थीं कि दराती-बड़याठ लेकर मारने आ रहे थे.
हालांकि मारने कौन और कब आया? वह इसका जवाब नहीं दे पाईं. असम राइफल्स से सेवानिवृत्त हैं बुजुर्ग करीब दो महीने से कमरे में कैद बुजुर्ग जमन सिंह असम राइफल्स से सेवानिवृत्त हैं. उन्हें हर महीने पेंशन मिलती है. बिलौना में आबादी के बीच स्वयं का मकान है. इसके बावजूद परेशानी के समय उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था.
मानसिक हालत सही नहीं उपचार कर रहे डॉ. कपिल तिवारी ने बताया कि बुजुर्ग दंपति काफी बुरी हालत में अस्पताल पहुंचे थे. सबसे पहले उनके कपड़े बदलवाए गए. दोनों की मानसिक हालत सही नहीं है. सरसरी तौर पर देखने से लग रहा है कि उन्होंने चार या पांच हफ्ते से खाना नहीं खाया है. दोनों के शरीर में पानी की भी कमी हो गई है. दोनों के मानिसक उपचार के लिए मनोचिकित्सककी मदद लेनी ही पड़ेगी.