उत्तराखंडः ट्रांसफर करने की गुहार लगाने गई महिला टीचर पर भड़के CM रावत, किया संस्पेंड

By भाषा | Updated: June 28, 2018 15:31 IST2018-06-28T15:31:30+5:302018-06-28T15:31:30+5:30

मुख्यमंत्री द्वारा यह पूछे जाने पर कि नौकरी लेते वक्त उन्होंने क्या लिख कर दिया था? उत्तरा ने गुस्से में जवाब दिया कि उन्होंने यह लिखकर नहीं दिया था कि जीवन भर वनवास में रहेंगी।

uttarakhand cm trivendra singh rawat suspends female teacher after argument | उत्तराखंडः ट्रांसफर करने की गुहार लगाने गई महिला टीचर पर भड़के CM रावत, किया संस्पेंड

उत्तराखंडः ट्रांसफर करने की गुहार लगाने गई महिला टीचर पर भड़के CM रावत, किया संस्पेंड

देहरादून, 28 जूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को यहां 'जनता मिलन' कार्यक्रम में एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका को निलंबित करने और उसे हिरासत में लेने के आदेश दिए। आवेश में आए मुख्यमंत्री रावत ने उत्तरकाशी जिले के नौगांव प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत के खिलाफ कार्रवाई के आदेश तब दिए जब उसने अपने तबादले के लिए गुहार लगाई।

उत्तरा ने कहा कि वह पिछले 25 साल से दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही है और अब अपने बच्चों के साथ रहना चाहती है। उनके पति की मृत्यु हो चुकी है और अब वह देहरादून में अपने बच्चों को अनाथ नहीं छोड़ना चाहतीं। उत्तरा ने कहा कि मेरी स्थिति ऐसी है कि ना मैं बच्चों को अकेला छोड़ सकती हूं और ना ही नौकरी छोड़ सकती हूं।

मुख्यमंत्री द्वारा यह पूछे जाने पर कि नौकरी लेते वक्त उन्होंने क्या लिख कर दिया था? उत्तरा ने गुस्से में जवाब दिया कि उन्होंने यह लिखकर नहीं दिया था कि जीवन भर वनवास में रहेंगी। इससे मुख्यमंत्री भी आवेश में आ गए और उन्होंने शिक्षिका को सभ्यता से अपनी बात रखने को कहा, लेकिन जब उत्तरा नहीं मानीं तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उन्हें तुरंत निलंबित करने और हिरासत में लेने के निर्देश दिए।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि शिक्षिका को मुख्यमंत्री के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, बाद में उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में भी इस घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अपने स्थानांतरण के लिए आई उत्तरकाशी की एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका ने अभद्रता दिखाई और अपशब्दों का प्रयोग किया। 

शिक्षिका से अपनी बात मर्यादित ढंग से रखने का अनुरोध किए जाने पर भी जब शिक्षिका ने लगातार अभद्रता किया तो उक्त शिक्षिका को निलम्बित करने के निर्देश दिए गए। उत्तरा के अलावा कई अन्य सरकारी कर्मचारी भी दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में अपने स्थानांतरण की गुहार लगाने 'जनता मिलन' कार्यक्रम पहुंचे थे, लेकिन मुख्यमंत्री रावत ने साफ किया कि यह कार्यक्रम ऐसी बातों को उठाने के लिए उचित मंच नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं की सुनवाई के दौरान स्थानान्तरण संबंधी अनुरोध बिल्कुल न लाए जाएं। राज्य में तबादला कानून लागू होने से राजकीय सेवाओं के सभी स्थानान्तरण नियामानुसार किए जाएंगे। स्थानांतरण के लिए जनता मिलन कार्यक्रम उचित मंच नहीं है। 

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