Uttarakhand Avalanche: चारों तरफ बर्फ के बीच मजदूरों को निकालने का काम शुरू, 4 मजदूर अब भी फंसे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 2, 2025 12:24 IST2025-03-02T12:23:06+5:302025-03-02T12:24:16+5:30
Uttarakhand Avalanche: उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर के जरिए हादसे में घायल लोगों को माणा से वापस लाने का कार्य शुरू हो गया है ।

Uttarakhand Avalanche: चारों तरफ बर्फ के बीच मजदूरों को निकालने का काम शुरू, 4 मजदूर अब भी फंसे
Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ के पास माणा गांव में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप पर हुए हिमस्खलन में कई फीट बर्फ में अब भी फंसे चार मजदूरों को निकाले जाने के लिए तीसरे दिन रविवार को खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टरों की मदद से बचाव अभियान फिर शुरू कर दिया गया । चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मौसम साफ है और फंसे मजदूरों को निकाले जाने के लिए राहत एवं बचाव अभियान सुबह से फिर शुरू हो गया है ।
उन्होंने बताया कि लापता मजदूरों की खोजबीन के लिए दिल्ली से जीपीआर सिस्टम भी आने वाला है। जिलाधिकारी ने कहा कि ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) को मौके पर पहुंचाने के लिए सेना का एमआई 17 देहरादून में इंतजार कर रहा है । उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे तलाशी अभियान में तेजी आएगी और लापता लोग आज खोज लिए जाएंगे। करीब 3200 मीटर की उंचाई पर भारत—चीन सीमा पर स्थित आखिरी गांव माणा में शुक्रवार को हिमस्खलन होने से बीआरओ शिविर में आठ कंटेनरों में रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे।
मजदूरों की संख्या पहले 55 बतायी जा रही थी लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद यह संख्या 54 रह गयी है । इनमें से 50 को शनिवार तक बाहर निकाल लिया गया था जिनमें से चार की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी ।
तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) भी खोजी कुत्तों के साथ हिमस्खलन स्थल पर हैं और बचाव अभियान में सहयोग कर रही हैं । उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर के जरिए हादसे में घायल लोगों को माणा से वापस लाने का कार्य शुरू हो गया है । मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा भी बचाव अभियान की निगरानी करने के लिए हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गए हैं।
तलाशी एवं बचाव अभियान में भारतीय सेना की एवियेशन कोर के तीन हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के दो और सेना द्वारा किराए पर लिए गए एक सिविल हेलीकाप्टर सहित छह हेलीकाप्टर जुटे हुए हैं । चार लापता मजदूरों में हिमाचल प्रदेश के हरमेश चंद, उत्तर प्रदेश के अशोक और उत्तराखंड के अनिल कुमार और अरविंद सिंह शामिल हैं । सेना के अधिकारियों ने शनिवार को बचाव अभियान अधिकांश रूप से सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से ही चलाया गया क्योंकि घटनास्थल तक पहुंचने का मार्ग कई स्थानों पर बर्फ से बाधित है ।
उन्होंने कहा कि अब प्राथमिकता यह है कि बर्फ से निकाले गए मजदूरों को ज्योर्तिमठ में सेना के अस्पताल तक पहुंचाया जाए और लापता लोगों को बाहर निकला जाए । लेफ्टिनेंट जनरल सेनगुप्ता ने कहा कि अगर मौसम अनुमति देगा तो लापता लोगों की तलाश के लिए रेको रडार, मानव रहित विमान (यूएवी), क्वाडकॉप्टर्स और हिमस्खलन बचाव में इस्तेमाल होने वाले कुत्तों को लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा, “यह सब मौसम पर निर्भर करता है”। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, भारतीय वायु सेना, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन सेवा के 200 से अधिक लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं ।