Uttar Pradesh: सरकारी संपत्ति को वक्फ के नाम करने वाले होंगे दंडित?, यूपी के 26 जिलों में खेला, डीएम से मांगी रिपोर्ट
By राजेंद्र कुमार | Updated: February 16, 2025 20:48 IST2025-02-16T20:47:49+5:302025-02-16T20:48:51+5:30
Uttar Pradesh: वक्फ के नाम पर प्रदेश में अयोध्या, शाहजहांपुर, रामपुर, जौनपुर और बरेली जिलों में सबसे अधिक सरकारी जमीनों पर कब्जा होने की जानकारी सरकार को मिली हैं.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश की सरकार अब उन अधिकारी और कर्मचारियों को खोज में जुट गई है, जिन्होने सरकारी संपत्तियों को वक्फ के नाम दर्ज किया है. इस संबंध में सभी 75 जिलाधिकारियों (डीएम) से रिपोर्ट मांगी गई है. जिलाधिकारियों से कहा गया है कि कब्जाई गई सभी सरकारी संपत्तियों का नाम, लोकेशन, क्षेत्रफल और गाटा संख्या सरकार को भेजे. अधिकारियों का कहना है कि वक्फ के नाम पर प्रदेश में अयोध्या, शाहजहांपुर, रामपुर, जौनपुर और बरेली जिलों में सबसे अधिक सरकारी जमीनों पर कब्जा होने की जानकारी सरकार को मिली हैं, जिसके चलते ही यह कदम उठाया गया है.
57,792 वक्फ संपत्तियां हैं यूपी में
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अयोध्या, शाहजहांपुर, रामपुर, जौनपुर और बरेली जिले में वक्फ बोर्ड दो हजार या उससे ज्यादा संपत्तियों पर अपना दावा कर रहे हैं. जबकि, राजस्व रिकॉर्ड में ये जमीनें सार्वजनिक उपयोग वाली श्रेणी में हैं. वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में अयोध्या में 3652 संपत्तियां दर्ज हैं जिसमें से 2116 सरकारी संपत्तियां हैं.
इसी प्रकार शाहजहांपुर में 2589 संपत्तियां दर्ज हैं, जिसमें से 2371 सरकारी संपत्तियां हैं. रामपुर में 3365 वक्फ संपत्तियों में से 2363 सरकारी संपत्ति है, जौनपुर में 4167 में से 2096 सरकारी संपत्ति है और बरेली में 3499 वक्फ संपत्तियों में से 2000 सरकारी जमीनों पर स्थित हैं.
इसी प्रकार खीरी में 1792, बुलंदशहर में 1778, फतेहपुर में 1610, सीतापुर में 1581, आजमगढ़ में 1575, सहारनपुर में 1497, मुरादाबाद में 1471, प्रतापगढ़ में 1331, आगरा में 1293, अलीगढ़ में 1216, गाजीपुर में 1251, मेरठ में 1154, संभल में 1150, अमरोहा में 1045, देवरिया में 1027, बिजनौर में 1005 वक्फ संपत्तियां हैं.
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के 26 जिलों में सरकारी संपत्तियां पर वक्फ का कब्जा है. जबकि राज्ये 40 जिलों में वक्फ के नाम एक भी संपत्ति का नामांतरण नहीं हुआ है. महोबा में एक भी वक्फ संपत्ति नहीं है. हालांकि सोनभद्र में एक वक्फ संपत्ति है.
जेपीसी की रिपोर्ट के चलते शुरू हुई यह पड़ताल
बताया जा रहा है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा यूपी की इन वक्फ संपत्तियों का जिलेवार ब्योरा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को सौंपा गया था. इस ब्यौरे में यह भी बताया गया था कि प्रदेश में कुल 57,792 सरकारी संपत्तियां हैं, जो वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं. इनका कुल रकबा 11712 एकड़ है.
नियमानुसार, इन संपत्तियों को वक्फ (दान) किया ही नहीं जा सकता था. लेकिन इसमें तमाम तरह ही अनियमितता की गई है. जिसकी जानकारी सरकार को हुई तो अब सरकार ने प्रदेश में अवैध वक्फ सम्पत्तियों का पता लगाने के लिए कदम उठाया है. जिसके चलते सभी जिलाधिकारियों ने उनके जिलों की उन सरकारी संपत्तियों की सूची भेजी गई है, जो गलत ढंग से वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में वक्फ के तौर पर दर्ज हैं. शासन ने इन संपत्तियों का विस्तृत ब्योरा मांगा है और इसके साथ ही जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के हस्ताक्षर से यह काम हुआ है.
उनके नाम व पदनाम भी भेजने को कहा गया है. वर्तमान में यह अधिकारी-कर्मचारी सेवा में हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इस बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है. ताकि सरकार संपत्ति को वक्फ के नाम करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.