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उत्तर प्रदेश: आर्म्स एक्ट में दोषी साबित हो चुके मंत्री राकेश सचान नए विवाद में घिरे  

By राजेंद्र कुमार | Updated: February 17, 2023 18:54 IST

ताजा विवाद में राकेश सचान के ऊपर फतेहपुर के औद्योगिक क्षेत्र (इंडिस्ट्र्यल एरिया) में उनके नाम से 72 प्लॉट आवंटित होने का मामला सामने आया है।

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ठळक मुद्देफ़तेहपुर के औद्योगिक क्षेत्र (इंडिस्ट्र्यल एरिया) में उनके नाम से 72 प्लॉट आवंटितमंत्री राकेश सचान ने भी माना लिया है कि वर्ष 2012 में उनकी दो संस्थाओं को यह प्लॉट आवंटित हुए थेइन प्लॉटों पर अभी तक राकेश सचान ने कोई फैक्ट्री नहीं लगाई है और ना ही अभी तक सरकार ने उनके प्लॉट को कैंसिल ही किया है

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते साल आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराए जा चुके कैबिनेट राकेश सचान नए विवाद में घिर गए हैं। उनके ऊपर फ़तेहपुर के औद्योगिक क्षेत्र (इंडिस्ट्र्यल एरिया) में उनके नाम से 72 प्लॉट आवंटित होने का मामला सामने आया है।

मंत्री राकेश सचान ने भी माना लिया है कि वर्ष 2012 में उनकी दो संस्थाओं को यह प्लॉट आवंटित हुए थे। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या किसी एक व्यक्ति के नाम इतने प्लॉट आवंटित किए जाना नियमों की अनदेखी नहीं है? और ऐसा हुआ था तो क्यों योगी सरकार ने इस मामले का संज्ञान क्यों नहीं लिया। 

फिलहाल राकेश सचान की संस्थाओं के नाम 72 प्लॉटों का आवंटन सूबे में सुर्खियां बन गए हैं। कहा जा रहा है कि सूबे की सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त हुए 33 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों के लिए जमीन खोज के लिए चिंतित है।

वही दूसरी तरफ एमएसएमई के मंत्री राकेश सचान के पास फ़तेहपुर के इंडिस्ट्र्यल एरिया में एक दो नहीं पूरे 72 प्लॉट हैं और यह प्लॉट आज से नहीं वर्ष 2012-13 से उनके अधीन हैं। इनमें से 32 प्लॉट चकहता इंडस्ट्रियल एरिया में और 40 प्लाट सुधवापुर इंडस्ट्रियल एरिया में हैं।

इन प्लॉटों पर अभी तक राकेश सचान ने कोई फैक्ट्री नहीं लगाई है और ना ही अभी तक सरकार ने उनके प्लॉट को कैंसिल ही किया है, जबकि राज्य के हर जिले में सैकड़ों लोग अपना उद्यम लगाने के लिए जमीन खोज रहे हैं और इन लोगों को इंडिस्ट्र्यल एरिया में जमीन मिल नहीं पा रही है।

वही दूसरी तरफ राकेश सचान की संस्था अभिनव सेवा संस्थान के नाम पर 72 प्लॉट आवंटित हैं और आवंटन के एवज में चुकाई जाने वाली न्यूनतम 10 प्रतिशत की सिक्योरिटी राशि भी अब तक जमा नहीं कराई गई है। अब फतेहपुर जिला उद्योग केंद्र के जीएम अंजनीश सिंह इस मामले में सिर्फ यह बताते हैं कि उक्त प्लॉटों का आवंटन वर्ष 2012-13 में हुआ था और 10 प्रतिशत रकम की रिकवरी की कार्यवाही की जा रही है।

फिलहाल योगी सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान इस मामले को लेकर सामने आए हैं। राकेश सचान ने कहा है कि ग्यारह साल पहले मेरे संस्थाओं को प्लॉट आवंटित हुए थे। आवंटन के समय दोनों ही इंडस्ट्रियल एरिया विकसित नहीं थे। अब भी वहाँ खेत हैं। अब मैं उद्योग विभाग का मंत्री हूँ और हमने तय किया है कि प्लाटों का आवंटन कैंसिल करा दिया जाए। 

अब भले ही कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने इन प्लाटों से अपना दामन छुड़ाने का फैसला कर लिया है, लेकिन विपक्षी नेता इस मामले में योगी सरकार को जरूर घेरेंगे, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता उदयवीर ने यह स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा है कि योगी सरकार को राकेश सचान को आवंटित प्लाटों के प्रकरण की जांच करानी चाहिए।

पता करना चाहिए कि राकेश सचान के पास इतने प्लॉट आवंटित कराने के लिए पैसा कहा से आया। सपा इस मामले को विधानसभा में उठाएंगी। फिलहाल यह मामला योगी सरकार के लिए संकट खड़ा कर रहा है।

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