Uttar Pradesh: योगी सरकार 'सड़क सुरक्षा अभियान' के तहत इस तारीख से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' अभियान करेगी शुरू

By रुस्तम राणा | Updated: August 27, 2025 17:52 IST2025-08-27T17:52:22+5:302025-08-27T17:52:22+5:30

30 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए दोपहिया वाहन चालकों और पीछे बैठने वालों में हेलमेट पहनने की आदत डालना है।

Uttar Pradesh govt to launch 'No helmet, no fuel' drive from this date Safety first, fuel later | Uttar Pradesh: योगी सरकार 'सड़क सुरक्षा अभियान' के तहत इस तारीख से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' अभियान करेगी शुरू

Uttar Pradesh: योगी सरकार 'सड़क सुरक्षा अभियान' के तहत इस तारीख से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' अभियान करेगी शुरू

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार 1 सितंबर (सोमवार) से 'हेलमेट नहीं तो ईंधन नहीं' शीर्षक से एक महीने का सड़क सुरक्षा अभियान शुरू करेगी। 30 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए दोपहिया वाहन चालकों और पीछे बैठने वालों में हेलमेट पहनने की आदत डालना है।

एक राज्यव्यापी सुरक्षा अभियान

इस अभियान की निगरानी सीधे ज़िला मजिस्ट्रेटों द्वारा ज़िला सड़क सुरक्षा समितियों (DRSCs) के समन्वय से की जा रही है। राज्य भर में एक समान कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, राजस्व अधिकारी और परिवहन विभाग संयुक्त रूप से प्रवर्तन करेंगे।

इस अभियान का समर्थन करने वाला कानून

यह पहल मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 से प्रेरित है, जो सवार और पीछे बैठने वाले दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य बनाती है। यह धारा 194D पर भी आधारित है, जो उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान करती है। यह अभियान सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप है, जिसने देश भर में हेलमेट अनुपालन में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला था।

अग्रिम मोर्चे पर ईंधन पंप

तेल विपणन कंपनियों - आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल - के साथ-साथ पेट्रोल पंप संचालकों को भी इस अभियान में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। ईंधन पंप कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे हेलमेट न पहनने वाले किसी भी व्यक्ति को पेट्रोल या डीज़ल न दें, जिसकी निगरानी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी।

जागरूकता, दंड नहीं

परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने ज़ोर देकर कहा कि यह प्रयास लोगों को दंडित करने के लिए नहीं, बल्कि जीवन बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों से पता चलता है कि सवार ईंधन की बिक्री में बाधा डाले बिना हेलमेट पहनने के नियम को जल्दी से अपना लेते हैं। सिंह ने कहा, "यह सुरक्षा के लिए एक प्रतिज्ञा है, दंड नहीं। पहले हेलमेट, बाद में ईंधन - इसे जीवन भर की आदत बना लें।"

जन जागरूकता अभियान

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग व्यापक नागरिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पूरे सितंबर में जागरूकता पहलों का नेतृत्व करेगा। नागरिक समाज, उद्योग और सरकारी एजेंसियां ​​राज्य की सड़कों पर होने वाली मौतों और गंभीर चोटों को कम करने के लिए मिलकर काम करेंगी।

सुविधा से ज़्यादा सुरक्षा

अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि 'हेलमेट नहीं, ईंधन नहीं' अभियान का उद्देश्य दंड नहीं, बल्कि सुरक्षित व्यवहार सुनिश्चित करना है। ईंधन से पहले हेलमेट को अनिवार्य बनाकर, उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को एक अनिवार्य नियम के बजाय एक दैनिक आदत बनाना है।
 

Web Title: Uttar Pradesh govt to launch 'No helmet, no fuel' drive from this date Safety first, fuel later

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे