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उत्तर प्रदेशः जो "काम" मायावती-अखिलेश नहीं कर पाए योगी करेंगे पूरा?,रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से लैस होंगे यूपी के सभी सरकारी भवन

By राजेंद्र कुमार | Updated: June 11, 2025 17:05 IST

योगी सरकार ने भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए सभी सरकारी और अर्द्ध-सरकारी भवनों पर रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने का फैसला किया है.

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ठळक मुद्देUttar Pradesh: हर साल तीन लाख वर्ग मीटर से अधिक एरिया में रूफ़ टाप सिस्टम लगाया जाएगा.Uttar Pradesh: दस वर्षों में 238 बीसीएम पानी निकाला गया, यह पानी 47 वर्षों की जरूरतों को पूरा करता.Uttar Pradesh: जमीन से निकाले गए हर 10 लीटर में से 9 लीटर पानी का उपयोग हुआ खेतों की सिंचाई में.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. प्रदेश के 75 जिलों के 826 विकास खंडों में से 47 जिलों के 269 विकासखंडों में भूजल का जरूरत से ज्यादा दोहन हुआ है. परिणामस्वरूप इन जिलों में भूजल स्तर तेजी से नीचे चला गया है. अब यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दस वर्षों में इन 47 जिलों में लोगों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा. पर्यावरण विशेषज्ञों की इस चेतावनी का संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए सभी सरकारी और अर्द्ध-सरकारी भवनों पर रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने का फैसला किया है.

जिसके चलते अब सूबे का भूगर्भ जल विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख वर्ग मीटर एरिया में रूफ टॉप सिस्टम लगाने का लक्ष्य तय किया है. इसके साथ ही अटल भूजल योजना के तहत 56,000 वर्ग मीटर एरिया में रूफ टॉप सिस्टम लगाए जाएंगे. योगी सरकार का यह लक्ष्य सरकारी फाइलों में कैद होकर दम ना तोड़ दे, इसके लिए हर दो माह में मुख्यमंत्री सचिवालय ने इसकी समीक्षा करेंगा.

यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि यूपी के मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव ने भी सूबे की सभी सरकारी और अर्द्ध-सरकारी भवनों पर रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने का फैसला किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका. यही वजह है कि सीएम योगी ने पहले तो अधिकारियों के इस योजना की सभी बारीकियों को समझा.

फिर उन्होने भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए इस वित्तीय वर्ष से केंद्र सरकार की अटल भूजल योजना जो सिर्फ दस जिलों के लिए थी उसका दायरा बढ़ाकर पूरे प्रदेश में इसे लागू करने का फैसला किया. इसके बाद सीएम योगी यह तय किया कि भूगर्भ जल विभाग अब हर साल 50,000 वर्ग मीटर एरिया में रूफ टॉप सिस्टम लगाने के बजाए इस वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख वर्ग मीटर एरिया में रूफ टॉप सिस्टम लगाएगा.

यह रूफ टॉप सिस्टम लगाने के दौरान खासतौर पर उन ब्लॉकों में प्राथमिकता दी जाएगी, जहां का भूजल स्तर क्रिटिकल या अतिदोहित श्रेणी में पहुंच गया है. इसके साथ ही सूबे के सभी सरकारी और अर्द्ध-सरकारी भवनों पर रूफटॉप सोलर पावर प्लांट भी लगाए जाएंगे. भूगर्भ जल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सूबे में अभी तक सरकारी भवनों पर रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की योजना के तहत 3.36 लाख वर्ग मीटर एरिया कवर किया जा चुका है.

लेकिन अभी बहुत काम बाकी है और अगले पांच वर्षों के भीतर राज्य के सभी सरकारी और अर्द्ध-सरकारी भवनों पर रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा दिया जाएगा. सरकारी भवनों में यह सिस्टम लगाने जाने से प्राइवेट सेक्टर में भी लोग इसे लगाने में रुचि लेंगे. जिसके चलते तेजी से नीचे जा रहा भूजल स्तर रुकेगा, पर्यावरण विशेषज्ञों का यह मत है.

इसलिए नीचे जा रहा भूजल स्तर

उत्तर प्रदेश में भूजल स्तर के नीचे जाने के कई कारण पर्यावरण विशेषज्ञ बता रहे हैं. इसमें सबसे बड़ा कारण सिचाई के लिए सबसे अधिक ताजा पानी निकालने को बताया जा रहा है. पर्यावरण विशेषज्ञो के अनुसार उत्तर प्रदेश देश में सिंचाई के लिए सबसे अधिक ताजा पानी निकालने वाला राज्य है. वर्ष 2013 और 2023 के बीच यूपी में कुल 238 बीसीएम पानी निकाला गया.

पानी की यह मात्रा राज्य की घरेलू पानी की जरूरतों को लगभग 47 वर्षों तक पूरा करने के लिए पर्याप्त है. राज्य में जमीन से निकाले गए हर 10 लीटर में से 9 लीटर पानी खेतों में सिंचाई की खातिर इस्तेमाल किया गया. यानी यूपी में पानी की अधिक खपत वाली फसलों से भी भूजल संकट गहरा रहा है. इसके अलावा यूपी में सिंचाई के लिए जो नेटवर्क है, उसका उपयोग खेती के लिए ठीक से नहीं हो पा रहा है.

राज्य में 74,660 किलोमीटर लंबा नहर सिंचाई नेटवर्क है. इसमें रजबहा और छोटी नहरें शामिल हैं. लेकिन इसके बाद भी करीब 78% सिंचाई की जरूरत भूजल से पूरी हो रही है. इस वजह से भूजल स्तर तेजी से जाना ही है. इसके रोकने के लिए पानी को एकत्र करना ही होगा तब ही भूजल स्तर नीचे जाने से रुकेगा.

इसलिए सरकार और जनता को साथ में प्रयास करना होगा. योगी सरकार ने इसकी पहल ही है अब गांव में किसानों को तालाब खोद कर पानी को एकत्र करने का अभियान चलाना चाहिए. बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डरों को भी अपनी टाउनशिप में वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करनी चाहिए. ताकि लोगों को पीने का पानी वर्षों तक आसानी से मिलता रहे. 

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