उत्तर प्रदेशः 22 फरवरी को आएगा करीब सात लाख करोड़ रुपए का बजट, योगी सरकार के कई मंत्री बजट खर्च नहीं कर पाए, देखें लिस्ट में कौन
By राजेंद्र कुमार | Published: February 21, 2023 06:00 PM2023-02-21T18:00:41+5:302023-02-21T18:02:17+5:30
Uttar Pradesh: पीडब्ल्यूडी को बजट में सड़कें और सेतुओं आदि के निर्माण के लिए 27,470 करोड़ रुपये का बजट दिया गया लेकिन जनवरी तक 7517 करोड़ यानी 27.4 प्रतिशत ही खर्च हो सका.
लखनऊः उत्तर प्रदेश में विकास की गति को तेज करने के लिए योगा सरकार हर साल बजट के आकार को बढ़ा रही हैं. लेकिन इन बढ़े हुए बजट को खर्च नहीं कर पा रही है. पिछले वर्ष योगी सरकार ने 6.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया गया था. इसके बाद 33 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था अनुपूरक बजट के जरिये की गई.
कुल मिलाकर प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के लिए 6.49 लाख करोड़ रुपये का प्रबंध बजट के जरिए किया गया. परंतु इस रिकार्ड धनराशि को खर्च करने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उनकी सरकार के अधिकांश मंत्री फिसड्डी साबित हुए हैं. जिसके चलते कई विभाग बजट में मिली आधी धनराशि भी खर्च नहीं कर सके हैं.
सरकार के आंकड़ों के यह भी खुलासा हुआ है. यह पता चला है कि बीते आठ माह में बजट का 55 प्रतिशत धन ही विभागों ने खर्च किया है. यह हाल भी तब है जबकि बीते माह मुख्यमंत्री ने बजट का 50-60 प्रतिशत भी न खर्च कर पाने पर विभागों के आला अफसरों को आड़े हाथों लेते हुए उन्हे फटकार लगाई थी. इसके बाद भी प्रदेश के कई विभाग बजट से प्राप्त धनराशि का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं कर सके हैं.
ऐसे विभागों में पीडब्ल्यूडी का नाम बढ़चढ़ कर लिया जा रहा है. पीडब्ल्यूडी को बजट में सड़कें और सेतुओं आदि के निर्माण के लिए 27,470 करोड़ रुपये का बजट दिया गया लेकिन जनवरी तक 7517 करोड़ यानी 27.4 प्रतिशत ही खर्च हो सका. जबकि विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद लगातार विभाग के प्रमुख सचिव को बजट खर्च में तेजी लाने के लिए कहते रहे.
लेकिन उन्होंने बजट खर्च की रफ्तार बढ़ाने में मुस्तैदी नहीं दिखाई. इसी प्रकार चिकित्सा-स्वास्थ्य, सिंचाई, कृषि, व्यावसायिक शिक्षा, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, समाज कल्याण, उद्योग, नगर विकास, सूडा, आवास, अल्पसंख्यक कल्याण, नियोजन, वन, पिछड़ा वर्ग कल्याण,आईटी, परिवहन, संस्कृति, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य, दुग्धशाला विभाग आदि महकमे का भी जनवरी तक 50 प्रतिशत से ज्यादा बजट नहीं खर्च हो सका. सरकार के आकड़ों के अनुसार 54 हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्राथमिक शिक्षा के बजट में करीब 80 प्रतिशत रकम ही खर्च की जा सकी है.
बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए बजट से दिए गए 54,420 करोड़ रुपये में से 32,893 करोड़ रुपए ही जनवरी तक खर्च हुए. इसी प्रकार ग्राम्य विकास ने 50.1, पंचायती राज ने 52.8, सहकारिता ने 58.4, माध्यमिक शिक्षा ने 66 प्रतिशत, उच्च शिक्षा ने 64.6, प्राविधिक शिक्षा ने 52.3, गृह पुलिस ने 59.4, गृह (होमगार्ड) ने 68, गृह (कारागार) ने 57.2, सिंचाई (निर्माण कार्य) ने 22.3, उद्योग ने 28, नगर विकास ने 40, सूडा ने 25.1, आवास ने 30, अल्पसंख्यक कल्याण ने 42.7, पिछड़ा कल्याण व आईटी ने 11-11, संस्कृति ने 20.9 प्रतिशत ही बजट खर्च किया है और अब तो कई विभाग अब अपना पूरा बजट खर्च कर पाने की स्थिति में भी नहीं दिखाई दे रहे हैं.
22 फरवरी को आएगा करीब सात लाख करोड़ रुपए का बजट
योगी सरकार 22 फरवरी को करीब सात लाख करोड़ रुपए का बजट लाने जा रही है. 22 फरवरी को सदन में पेश किए जाने वाले योगी सरकार के इस बजट को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि प्रदेश सरकार इस बजट में की जाने वाले नई घोषणाओं के जरिये युवाओं को खुश करने की कोशिश करेगी.
युवाओं से जुड़ी योजनाओं के बाद सरकार का फोकस राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने पर होगा. बजट में पीडब्ल्यूडी, औद्योगिक विकास, नगर विकास, ऊर्जा, जल शक्ति जैसे विभागों को विकास मद में अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की चर्चाएं हैं.
इस बजट के माध्यम से सरकार गांव, गरीब, किसान व महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर आवंटन भी बढ़ाएगी. केंद्रीय बजट की तरह उन योजनाओं पर अधिक ध्यान दिए जाने की सूचनाएं हैं जिससे बड़ा वर्ग लाभान्वित होता है. बजट में ग्रामीण सड़कें, एक्सप्रेस-वे परियोजनाएं, सिंचाई, ओडीओपी के लिए अधिक धनराशि मिलने की उम्मीद है.