उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण मतदाताओं पर राजनीतिक दलों की नजर, 15 फीसद मतों को लुभाने की कोशिश

By शीलेष शर्मा | Published: July 25, 2021 08:12 PM2021-07-25T20:12:38+5:302021-07-25T20:21:29+5:30

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नज़दीक आते देख कांग्रेस, भाजपा, सपा और बसपा ने राज्य के ब्राह्मण मतदाताओं पर निगाह गड़ा दी है। प्रत्येक दल ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पाले में खींचने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहा है।

Uttar Pradesh assembly election political parties are eyeing 15 percent brahmin voters | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण मतदाताओं पर राजनीतिक दलों की नजर, 15 फीसद मतों को लुभाने की कोशिश

फाइल फोटो

Highlightsउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव आने के साथ ही सभी राजनीतिक दलों की निगाहें ब्राह्मणों पर टिकी हैं। योगी सरकार की ओर से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि ब्राह्मणों की उपेक्षा नहीं की गई है। माना जाता है कि 15 फीसद ब्राह्मण जिधर झुकते हैं, अन्य कुछ समुदाय भी उधर ही झुक जाते हैं। 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नज़दीक आते देख कांग्रेस, भाजपा, सपा और बसपा ने राज्य के ब्राह्मण मतदाताओं पर निगाह गड़ा दी है। प्रत्येक दल ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पाले में खींचने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहा है। भाजपा ने जितिन प्रसाद को कांग्रेस से तोड़ कर जहां उनको मंत्रिपरिषद में शामिल किये जाने के संकेत दिए तो दूसरी तरफ मोदी की पसंद एके शर्मा को संघटन में जिम्मेदारी दे कर ब्राह्मणों को संदेश दे दिया है कि योगी सरकार में ब्राह्मणों की उपेक्षा नहीं हो रही है। दरअसल, ब्राह्मणों को लेकर योगी की कार्यशैली से यह वर्ग खासा नाराज है जिसे अब भाजपा मनाने में जुटी है। 

बसपा ने अपने पुराने राजनैतिक समीकरण बैठाने के लिए सांसद सतीश मिश्रा को आगे कर ब्राह्मण सम्मेलन शुरू कर दिए हैं। 2007 में मायावती ब्राह्मणों के समर्थन से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंची थीं। सपा जो यादवों की पार्टी मानी जाती रही है ने भी अपना रुख ब्राह्मणों की तरफ मोड़ दिया है। यह जानते हुए कि राज्य में लगभग 15 फीसद ब्राह्मण मतदाता हैं लेकिन इनका प्रभाव इतना अधिक है कि जिधर यह समुदाय झुक जाता है पिछड़े और दलित वोट बैंक भी उधर रुख कर लेता है। 

सपा करेगी ब्राह्मण सम्मेलन

अखिलेश यादव ने इसी सोच के तहत आज ब्राह्मण नेताओं से मुलाकात की। इस मुलाकात में तय किया गया कि सपा ब्राह्मण चेतना मंच के साथ प्रदेश भर में ब्राह्मणों के सम्मेलन करेगी, जिसकी शुरुआत बलिया से होगी। राज्य में लगभग 9 फीसद यादव, 3 फीसद कुर्मी, 11 फीसद जाटव, लगभग 15 फीसद ब्राह्मण और 20 से 25 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं और इनके अलावा अन्य जातियों के लोग हैं। 

कांग्रेस को प्रियंका पर भरोसा

कांग्रेस राज्य में अपने वज़ूद की लड़ाई लड़ रही हैं। ब्राह्मण उसका परंपरागत वोट बैंक रहा है, लेकिन चार दशकों से सत्ता से बाहर रहने के कारण ब्राह्मणों पर उसकी पकड़ कमजोर होती चली गई लेकिन अब कांग्रेस भी ब्राह्मणों को सामने रखकर अपने पुराने रिश्तों की याद दिला रही है। कांग्रेस में ब्राह्मण नेताओं के बड़े चेहरे हैं, मसलन प्रमोद तिवारी, राजेश त्रिपाठी, प्रमोद कृष्णन लेकिन सूत्र बताते हैं कि रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सलाह दी है कि कांग्रेस प्रियंका का चेहरा सामने रख कर चुनाव लड़े तो कांग्रेस को ब्राह्मणों, पिछड़ों, दलितों और मुस्लिमों का अच्छा वोट मिलेगा। प्रियंका ब्राह्मणों को फिर से कांग्रेस में लौटा कर ला सकती हैं।

 

Web Title: Uttar Pradesh assembly election political parties are eyeing 15 percent brahmin voters

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