ताइवान पर चीन के हमले की स्थिति में अमेरिका करेगा सैन्य हस्तक्षेप, बाइडन ने UNSC में जापान की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 23, 2022 12:33 PM2022-05-23T12:33:52+5:302022-05-23T12:41:12+5:30
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ताइवानप की रक्षा करने का दबाव और भी बढ़ गया है। ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को विस्थापित कर देगा और यूक्रेन में की गई कार्रवाई के समान होगा।
टोक्यो: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो उनका देश सैन्य हस्तक्षेप करेगा। यह पिछले कुछ दशकों में ताइवान के समर्थन में दिए गए प्रत्यक्ष एवं जोरदार बयानों में से एक है।
बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वशासित द्वीप की रक्षा करने का दबाव ‘‘और भी बढ़ गया है।’’ उन्होंने कहा कि ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम ‘‘न केवल अनुचित होगा’’, बल्कि ‘‘यह पूरे क्षेत्र को विस्थापित कर देगा और यूक्रेन में की गई कार्रवाई के समान होगा।’’
‘एक चीन’ नीति के तहत अमेरिका बीजिंग को चीन सरकार के रूप में मान्यता देता है और उसके ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं हैं। बहरहाल, उसका ताइवान से अनौपचारिक संपर्क है। अमेरिका द्वीप की रक्षा के लिए सैन्य उपकरणों की आपूर्ति भी करता है।
इसके साथ ही, बाइडन ने कहा कि वह जापान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का समर्थन करते हैं। जहां रूस और चीन दोनों स्थायी सदस्य हैं और जापानसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का इच्छुक है।
बता दें कि, हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग उठ रही है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘‘सुधार’’ होने पर उसमें शामिल होने की जापान की दावेदारी का समर्थन करते हैं।
अगर संयुक्त राष्ट्र स्वीकृति देता है तो जापान अंतरराष्ट्रीय संस्थान की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के तौर पर ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका की कतार में शामिल हो जाएगा।