UP: योगी मंत्रिमंडल का नए साल में होगा विस्तार, मंत्रिमंडल में नए चेहरे होंगे शामिल
By राजेंद्र कुमार | Updated: December 31, 2025 19:00 IST2025-12-31T19:00:43+5:302025-12-31T19:00:43+5:30
पार्टी नेताओं के अनुसार, योगी सरकार के होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में हाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटे भूपेन्द्र चौधरी को फिर से मंत्री बनाया जाएगा.

UP: योगी मंत्रिमंडल का नए साल में होगा विस्तार, मंत्रिमंडल में नए चेहरे होंगे शामिल
लखनऊ:उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में मिली शिकस्त के बाद से योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार लगातार टल रहा था. अब नए साल में मकर संक्रांति के बाद योगी सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार किया जाएगा. पार्टी नेताओं के अनुसार, योगी सरकार के होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में हाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटे भूपेन्द्र चौधरी को फिर से मंत्री बनाया जाएगा.
इसके साथ ही कुछ नए चेहरों को मंत्री बनाया जाएगा और केंद्र सरकार की नजर में बेहतर परफ़ार्ममेंश ना देने वाले मंत्रियों की छुट्टी की जाएगी. मंत्रिमंडल में होने वाले बदलाव के साथ कई आयोगों और बोर्डों के खाली पदों पर भी पार्टी के सीनियर नेताओं की तैनाती ही जाएगी. इसके अलावा पार्टी (भाजपा) की नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन भी किया जाएगा.
कोर कमेटी की बैठक में हुई सहमति
योगी सरकार और पार्टी संगठन में पार्टी के किन नेताओं को जगह मिलेगी, इस पर अंतिम फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व करेगा. इसलिए पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी शीर्ष नेतृत्व का मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए दिल्ली गए हैं. वह दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को यह बताएंगे कि सीएम योगी के आवास पर मंगलवार की रात हुई कोर कमेटी की बैठक में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर क्या रूपरेखा तैयार हुई है और पार्टी के किन नए लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के सामाजिक समीकरण बेहतर होंगे.
इस कोर कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में पंकज चौधरी के साथ पार्टी के महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए.
इस बैठक में प्रस्तावित विस्तार के स्वरूप पर सहमति बनी और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित आधा दर्जन विधायकों को मंत्री बनाने पर गंभीर विचार किया गया. बैठक में शामिल पार्टी नेताओं के अनुसार, इस बैठक में वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरणों को साधने पर विशेष जोर दिया गया.इसके लिए भी एक फॉर्मूले पर संगठन के पुनर्गठन की भी रूपरेखा तैयार की गई.
बैठक के बाद पंकज चौधरी दिल्ली के लिए दिल्ली चले गए, जहां वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को कोर कमेटी की चर्चा और प्रस्तावों की जानकारी देंगे. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की सहमति मिलते ही यूपी में लंबे समय से टल रह मंत्रिमंडल विस्तार होगा. चर्चा है कि अगले साल मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.
अभी योगी सरकार में हैं 54 मंत्री
योगी सरकार में वर्तमान में 54 मंत्री हैं. जबकि अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं. यानी अभी छह मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं. कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले के चलते ओबीसी और दलित समाज के नेताओं के साथ ही ब्राह्मण समाज के नेताओं को मंत्री बनाया जाएगा.
इसके अलावा मंत्रिमंडल से जिन मंत्रियों की छुट्टी की जाएगी, उनकी ही जाति के नेता को मंत्री बनाया जाएगा. मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय समीकरणों का भी ख्याल रखा जाएगा. कहा जा रहा है कि अभी सरकार और पार्टी में कई प्रमुख पदों पर पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व ज्यादा है. ऐसे में पश्चिम क्षेत्र से कुछ लोगों को संगठन और मंत्रिमंडल में जगह देकर बैलेंस बनाने की कोशिश होगी.
हाल ही में ब्राह्मण,ठाकुर विधायकों सहित कई जातीय बैठकें हुई हैं, जिसके चलते भी मंत्रिमंडल विस्तार में सभी जातियों का बैलेंस बताने की भी कोशिश होगी.आयोगों और बोर्डों के खाली पदों पर भी पार्टी नेताओं की तैनाती के दौरान भी इसका ख्याल रखा जाएगा.मंत्रिमंडल विस्तार में किन नए नेताओं को जगह मिलेगी? इस बारे में अभी कोर कमेटी की बैठक में शामिल नेता चुप हैं. बैठक में शामिल के उपमुख्यमंत्री का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का फैसला होने के बाद ही इस बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके पहले इस संबंध में कोई कुछ नहीं बोलेगा.