UP Lok Sabha Election Result 2024: रालोद-अपना दल (एस) को छोड़ एनडीए में शामिल सुभासपा और निषाद पार्टी का बुरा हाल, 60 से अधिक दलों के प्रत्याशी उतरे, सब हारे!
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 5, 2024 16:08 IST2024-06-05T16:06:28+5:302024-06-05T16:08:07+5:30
UP Lok Sabha Election Result 2024: भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) भी दो सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ एक सीट पर ही चुनाव जीत सकी.

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UP Lok Sabha Election Result 2024: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जिन सहयोगी दलों को साथ लेकर वर्ष 2017 में यूपी की सत्ता पर काबिज हुई थी, उन सहयोगी दलों को इस लोकसभा चुनावों में तगड़ा झटका लगा है. इस लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा के साथ आने वाली राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को छोड़ दे तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और निषाद पार्टी अपने प्रत्याशियों को भी चुनाव नहीं जीता सकी. यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र में सक्रिय यह दोनों पार्टी भाजपा प्रत्याशियों को अपने समाज का वोट दिलाने में सफल नहीं हुई हैं.
भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) भी दो सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ एक सीट पर ही चुनाव जीत सकी. छोटे दलों में रालोद अपने दोनों उम्मीदवारों को चुनाव जीतने में सफल रही, वही पहली बार चुनाव मैदान में उतरे आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर चुनाव जीतने में सफल रहे हैं.
भाजपा के यह सहयोगी चुनाव हारे
एनडीए में शामिल और यूपी में अति पिछड़ों की राजनीति करने वाली सुभासपा के लिए यह चुनाव बड़ा झटका देने वाला साबित हुआ. सुभासपा के मुखिया ओपी राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. भाजपा ने यूपी की घोसी सुभासपा के लिए छोड़ी थी, इस सीट से ओपी राजभर ने अपने पुत्र अरविंद राजभर चुनाव लड़ाया.
लेकिन अपने प्रभाव वाले इस क्षेत्र में ओपी राजभर अपने पुत्र को चुनाव जीतने में सफल नहीं हुए, यही नहीं वह भाजपा के उम्मीदवारों को भी पूर्वांचल की सीटों पर अपने समाज का वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुए. इसी प्रकार निषाद पार्टी के मुखिया अपने बेटे प्रवीण निषाद को भी संतकबीरनगर सीट से चुनाव नहीं जिता सके. हालांकि प्रवीण को उन्होने भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़वाया था, ताकि उसकी जीत तय हो सके, लेकिन उनका यह दांव भी सफल नहीं हुआ.
भाजपा के यह सहयोगी रहे सफल
भाजपा के साथ इस चुनाव में उतरी रालोद को जरूर शानदार सफलता मिली है. रालोद ने बिजनौर और बागपत सीट बागपत सीट पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे. इन दोनों सीटों पर उन्हे जीत मिली. यहीं नहीं पश्चिम यूपी की कई अन्य सीटों पर भी वह भाजपा को वह रालोद का वोट ट्रांसफर करने में सफल रहे.
जबकि मोदी सरकार में मंत्री रही और मिर्जापुर से चुनाव लड़ने वाली अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल सिर्फ अपनी ही सीट पर जीत पाने में सफल हुई. राबर्ट्सगंज सीट से वह अपनी पार्टी प्रत्याशी को भी चुनाव जीतने में सफल नहीं हुई.
यह छोटे दल रहे असफल
यूपी में इस बार ओवैसी की एआईएमआईएम और अपना दल (के) ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस गठबंधन का चुनावी प्रदर्शन बेहद खराब रहा. इनके सभी प्रत्याशी अपनी जमानत राशि भी बचा नहीं सके. इसी प्रकार स्वराज भारतीय न्याय पार्टी, अखिल भारतीय अपना दल, भारतीय पंचशील पार्टी, मानवाधिकार पार्टी का बुरा हाल रहा.
स्वामी प्रसाद मौर्य की राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी भी इस चुनाव में जीत पाने को तरस गई. स्वामी प्रसाद ने कुशीनगर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह दूसरे स्थान पर भी नही आ सके. बताया जा रहा है कि यूपी में 60 से अधिक छोटे दलों ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे, लेकिन कोई भी चुनाव जीतने में सफल नहीं हुआ. अधिकांश प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.