लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस का 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का नारा बुरी तरह से फ्लॉप रहा। कांग्रेस पार्टी ने इस बार का यूपी विधानसभा चुनाव यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी की सरपरस्ती में लड़ा था।
प्रियंका गांधी ने इस बार के चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी सीटों पर टिकट देने और लड़कियों को स्कूटी देने के लोकलुभान बातें की थीं लेकिन यूपी की जनता ने उनकी बात को सिरे से खारिज कर दिया है। लेकिन शुक्र है कि बसपा के एक प्रत्याशी के मुकाबले अपने दो प्रत्याशियों को जीता कर प्रियंका गांधी ने कुछ तो लाज बचा ली है।
यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कांग्रेस यूपी में अपनी हार स्वीकारते हुए मजबूत विपक्ष की भूमिका निभायेगी। प्रियंका गांधी की अनगुवाई में सिर्फ दो विधानसभा सीट जीतने वाली कांग्रेस को महज 2.4 फीसदी वोट मिले और महिलाओं के जरिये यूपी की सियासत को साधने दिल्ली से आयी प्रियंका गांधी की पूरी तरह से फेल हो गईं।
कांग्रेस ने जिन दो सीटों पर परचम लहराकर अपनी शाख को बचाये रखा, उनमें एक सीट महाराजगंज जिले की फरेंदा की है वहीं दूसरी सीट प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास सीट है।
महाराजगंज जिले की फरेंदा विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी ने जीत दर्ज की है। घोषित परिणाम के अनुसार कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के बजरंग बहादुर सिंह को 1087 मतों से पराजित किया। वीरेंद्र चौधरी को कुल 84755 मत मिले जबकि बजरंग बहादुर सिंह को 83668 वोट हासिल हुए।
रामपुर खास विधानसभा सीट से 12वीं बार जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस ने इस बार भी इस सीट पर वर्चस्व बरकरार रखा है। इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा मोना कांग्रेस की प्रत्याशी थीं।
आराधना मिश्रा ने भाजपा के नागेश प्रताप सिंह को 14,741 मतों से हराकर तीसरी बार इस सीट से जीत दर्ज की है। आराधना मिश्रा को 84,334 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी नागेश प्रताप सिंह को 69,593 मतों से ही संतोष करना पड़ा।