लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी निर्णायक भूमिका निभा रहे सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के लिए गाजीपुर की जहूराबाद विधानसभा सीट एक भारी चुनौती का सबब बनती जा रही है।
अखिलेश सरकार में मंत्री रहीं पूर्व एमएलए शादाब फातिमा को बहुजन समाज पार्टी ने अपनी ओर से ओपी राजभर के खिलाफ अपनी पार्टी से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है।
उधर दूसरी तरफ बीजेपी ने जहूराबाद विधानसभा पर ओपी राजभर को पटखनी देने की नीयत से कालीचरण राजभर को टिकट दिया है। बीते शुक्रवार को नामंकन दाखिल करने के बाद खुद को गब्बर बताने वाले ओम प्रकाश राजभर के सामने शादाब फातिमा एक बड़े चुनौती के रूप में सामने खड़ी हो गई हैं। ओपी राजभर शाजाब फातिमा के खिलाफ चुनाव लड़ते हुए तीसरे नंबर रहे थे, अब फिर से मुश्किलों में नजर आ रहे हैं।
शादाब फातिमा कते नाम की घोषणा करते हुए बसपा ने सातवें चरण के चुनाव के लिए कुल 47 प्रत्याशीयों के नामों की घोषणा की है। जिसमें आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और सोनभद्र की 47 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों का नाम दिया गया है।
राजभर के गब्बर वाले जुमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शादाब फ़ातिमा ने कहा है कि उन्हें मैंने बुरी तरह से हराया था, शायद वो ये बात भूल गये हैं। वह तो बाहरी गब्बर हैं। गब्बर के नाम पर जनता को डराने वालों को कौन वोट देगा।
शादाब फ़ातिमा ने कहा, " मैं अल्लाह से दुआ करूंगी वो कम से कम गब्बर न बने, नहीं तो जहूराबाद ही नहीं सूबे औरतों का जीन मुहाल हो जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि वह 2012 के चुनाव में इसी जहूराबाद से ही लड़ी थीं और उस चुनाव में ओपी राजभर तीसरे नंबर पर थे। मैंने 40 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी राजभर जी इस बात को न भूलें। 2017 के चुनाव में पार्टी (सपा) ने टिकट नहीं दिया था और यही ओम प्रकाश राजभर बीजेपी के बल पर चुनाव जीते थे।
मालूम हो कि शिवपाल यादव की खास मानी जाने वाली शादाब फातिमा ने उनके सपा छोड़ने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और शिवपाल यादव की संयुक्त प्रगतिशील पार्टी में शामिल हो गई थीं। लेकिन चूंकि इस चुनाव में सपा और शिवपाल यादव की पार्टी सुभासपा और अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रही है लिहाजा उस समझौते के कारण सपा गठबंधन ने शादाब फ़ातिमा के टिकट की मांग को खारिज कर दिया था।
वहीं दूसरी ओर इस चुनाव में बीजेपी को जुबानी तौर पर कड़ी टक्कर दे रहे ओम प्रकाश राजभर जहूराबाद सीट को अपने लिए सुरक्षित मानते हुए चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2017 में ओपी राजभर ने बीजेपी के सहयोग से इस सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन अब जब बसपा ने शादाब फ़ातिमा को टिकट दे दिया है तो सुभासपा के ओपी राजभर के लिए यह चुनाव उतना आसान नहीं रहेगा, जितना वो पहले समझ रहे थे।