UP: सीएम योगी का ऐलान, लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो करेंगे पूरा सहयोग

By भाषा | Updated: April 22, 2020 16:51 IST2020-04-22T16:51:29+5:302020-04-22T16:51:29+5:30

मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आश्रय गृहों से घर भेजे गए लोगों तथा कोटा से प्रदेश वापस लौटे बच्चों को घर में पृथक रहने के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन ‘1076’ के माध्यम से अवगत कराया जाए।

UP: CM Yogi announces, will cooperate fully if the government of his home state decides to call back those trapped in the lockdown | UP: सीएम योगी का ऐलान, लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो करेंगे पूरा सहयोग

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

Highlightsसीएम योगी ने कहा, ''लॉकडाउन का मतलब पूर्ण लॉकडाउन है इसलिए लॉकडाउन का सख्ती से शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों के जो लोग प्रदेश में फंस गये हैं, उनके गृह राज्यों की सरकारें उन्हें अगर वापस बुलाने का फैसला करती हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें वापस भेजने में पूरा सहयोगी करेगी । योगी ने कहा, ''लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों के प्रदेश में फंसे लोगों को यदि उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो प्रदेश सरकार इसकी अनुमति प्रदान करते हुए ऐसे लोगों को वापस भेजने में सहयोग प्रदान करेगी।''

उन्होंने कहा कि रमजान का महीना प्रारम्भ हो रहा है। इस अवधि में विशेष सावधानी बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सहरी व इफ्तार के समय किसी भी प्रकार से भीड़ एकत्र न होने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आश्रय गृहों से घर भेजे गए लोगों तथा कोटा से प्रदेश वापस लौटे बच्चों को घर में पृथक रहने के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन ‘1076’ के माध्यम से अवगत कराया जाए।

उन्होंने बताया कि एक दिन वे स्वयं कोटा से प्रदेश वापस आए बच्चों से बात कर इनकी कुशलक्षेम प्राप्त करेंगे। उन्होंने सचिवालय कर्मियों को एक-एक छोटा सेनेटाइजर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। योगी ने कहा, ''लॉकडाउन का मतलब पूर्ण लॉकडाउन है इसलिए लॉकडाउन का सख्ती से शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाए। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’

उन्होंने समस्त गतिविधियों में प्रत्येक दशा में सामाजिक दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि लॉकडाउन अवधि में आवश्यक सामग्री की सुचारु आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए। किसी को भी ‘सप्लाई चेन’ व्यवस्था के दुरुपयोग की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘सप्लाई चेन’ में लगे लोगों की भी मेडिकल जांच होनी चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को संस्थाओं द्वारा ‘कम्युनिटी किचन’ में उपलब्ध कराये जा रहे भोजन की जांच के निर्देश भी दिए।

परीक्षण क्षमता को तेजी से बढ़ाये जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर एक ‘टेस्टिंग लैब’ स्थापित की जाए जिससे अधिक संख्या में जांच सम्भव हो सके। अलीगढ़, सहारनपुर तथा मुरादाबाद संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील हैं इसलिए इनके मण्डलीय चिकित्सालय में ‘टेस्टिंग लैब’ स्थापित की जाए।

जांच कार्य में तेजी लाने के लिए अधिक से अधिक मेडिकल टेक्नीशियनों को प्रशिक्षित कराया जाए। जांच प्रयोगशालाओं के उपकरणों को दुरुस्त रखा जाए। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अभी तक संक्रमण प्रभावित 10 जनपद कोरोना वायरस से मुक्त हो चुके हैं जबकि 22 जिले पहले से ही वायरस मुक्त हैं।

इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश के कुल 32 जनपद कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हैं। योगी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त जनपदों में भी पूरी सतर्कता एवं सभी सावधानियां बरतना आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में सुरक्षा चक्र टूटने न पाये। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों द्वारा संक्रमण से सुरक्षा के लिए अपनायी जा रही व्यवस्था का पर्यवेक्षण प्रदेश सरकार के एक मेडिकल अफसर द्वारा किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रत्येक आइसोलेशन बेड पर रोगी के लिए आक्सीजन की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

प्रत्येक 10 बेड पर वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। एल-1, एल-2 तथा एल-3 श्रेणी के अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों व अन्य संसाधनों की व्यवस्था तथा टेस्टिंग लैब की स्थापना के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री का पीड़ित सहायता कोष-कोविड केयर फण्ड’ बनाया गया है। फण्ड में उपलब्ध धनराशि से चिकित्सा उपकरण आदि की व्यवस्था प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों तथा शासन के नियमों का पालन करते हुए कोरोना वायरस से अप्रभावित जनपदों में औद्योगिक इकाइयों का संचालन कराया जाए। परियोजनाओं के उपयोगार्थ विभिन्न प्रकार की निर्माण सामग्री के आवागमन की अनुमति दी जाए। निर्यातपरक इकाइयों से निर्यात हेतु कन्टेनर के माध्यम से इनके उत्पाद का आवागमन भी मंजूर किया जाए। विभिन्न राज्यों से प्रदेश में वापस आए श्रमिकों का सर्वे कराते हुए उन्हें रोजगार सुलभ कराने की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।  

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