'अज्ञात योगी' NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्णन को ईमेल पर देता था हेयरस्टाइल और तबादलों से जुड़े निर्देश, SEBI कर रही है पूरे मामले की जांच
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 15, 2022 05:46 PM2022-02-15T17:46:46+5:302022-02-15T18:23:30+5:30
चित्रा रामकृष्णन और 'योगी' के बीच कई बार ईमेल का आदान-प्रदान हुआ। जिसे देखने से पता चलता है कि चित्रा उस 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' को 'शिरोमणी' के नाम से संबोधित करती थीं और चित्रा एनएसई के कई सीनियर कर्मचारियों के पोर्टफोलियो बंटवारे मामले में भी उनसे परामर्श लेती थीं।
दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने जब से यह बड़ा खुलासा किया है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई की पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण बड़े-बड़े वित्तिय फैसले 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' की सलाह पर लेती थीं, तब से भारतीय बाजार से जुड़े सभी उद्योग समूह सकते में हैं।
सेबी ने इस बड़े खुलासे के साथ यह भी बताया है कि चित्रा उस अज्ञात 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' से एनएसई की सभी गोपनीय जानकारी मसलन बिजनेस प्लान और बोर्ड बैठकों के एजेंडा सहित कई सिक्रेट्स को साझा करती थीं और कथित तौर पर 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' के दिये परामर्श के मुताबिक बड़े-बड़े फैसले लिया करती थीं। चित्रा अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसआई में एमडी के पद पर रहीं और उसके उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था।
सेबी के द्वारा चित्रा के संबंध में इस बड़े राज को उजागर किये जाने के बाद एनएसई की बोर्ड ने कोई सख्त एक्शन न लेते हुए चित्रा रामकृष्णन की पिछले दरवाजे से विदाई कर दी और मामले में धूल डालने की कोशिश की ।
वहीं इस मामले में बेहद आक्रामक नजर आ रहे सेबी ने एनएसई की प्रमुख रहीं चित्रा के कार्यशौली को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह इतना खतरनाक है कि इससे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की वित्तिय जिम्मेदारियों पर बहुत बड़ा बट्टा लग सकता था।
यही नहीं सेबी ने इस मामले में चित्रा रामकृष्णन को तीन साल के लिए किसी भी अन्य एक्सचेंज या सेबी से संबंध किसी और संगठन में कार्य पर तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ सेबी ने चित्रा पर तीन करोड़ रूपये की पेनाल्टी भी लगाई है।
इस मामले में एक दिलचस्प मोड़ तक आया जब चित्रा रामकृष्णन के मेल के कुछ हिस्से, जो एफआईआर की कॉपी में दर्ज हैं। वो पब्लिक फोरम में आ गये हैं। मेल को देखने से पता चलता है कि चित्रा उस 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' को 'शिरोमणी' के नाम से संबोधित करती थीं और उनके साथ नियमित रूप से बातचीत करती थीं और चित्रा एनएसई के कई सीनियर कर्मचारियों के पोर्टफोलियो बंटवारे मामले में भी उनसे परामर्श लेती थीं।
वहीं दूसरी ओर चित्रा रामकृष्णन ने कथित योगी से अपने मुलाकात को लेकर भ्रामक बयान दिया था। कथित योगी द्वारा चित्रा को भेजे गये ईमेल के लीक अंश से साफ होता है कि दोनों एक दूसरे से मिलते-जुलते भी थे। एक ईमेल में योगी ने चित्रा के साथ सेशेल्स में छुट्टी मनाने का भी जिक्र किया है।
मेल को देखने से स्पष्ट हो जाता है कि चित्रा से कथित योगी उनके दफ्तर संबंधित कार्यों के अलावा अन्य दूसरे मुद्दों पर भी बहुत आत्मीयता से बात करते हैं। दोनों ओर से किये गये ईमेल आदान-प्रदान के क्रम में 18 फरवरी 2015 का एक मेल सामने आया है। जिसमें 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' चित्रा को मेल में लिखते हैं, "आज तुम बहुत सुंदर दिखाई दे रही हो। तुम अपने बालों को कुछ दूसरे तरीके संवारों, जो तुन्हें और भी आकर्षक बनाएगा। ये तुम्हारे लिए एक मुफ्त की सलाह है और मुझे पता है कि तुम इसे स्वीकार करोगी। आगामी मार्च में तुम खुद को थोड़ा फ्री रखना।"
इस मेल के ठीक 7 दिन बाद 25 फरवरी 2015 के एक अन्य मेल में लिखा है, "मैंने कंचन से सुना कि तुमने कहा है कि सामान पैक करो और निकलो और अभी से दिन गिनने शुरू कर दो। मैं तुम्हें अच्छी जगह पर स्थापित कर दूंगा, जहां तुम आराम से रहोगी।"
वहीं 16 सितंबर 2016 को किये गये मेल में लिखा है, " जो मैंने मकर कुंडन गीत जो मैंने तुम्हें भेजा था, क्या वो तुमने सुना। इस गीत को तुम्हें बार-बार सुनना चाहिए। तुम्हें दिल से जो खुशी मिलेगी, उसे तुम्हारे चेहरे पर देखकर मुझे खुशी होगी। कल के दिन मैंने तुम्हारे साथ आनंद की अनुभूति की। यह जो तुम छोटी-छोटी चीजें खुद के लिए करती हो, वह तुम्हें और भी नौजवान और ऊर्जावान बनाती हैं।"
इसके अलावा अन्य मेल को देखने पता चलता है कि 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' को एनएसई के कर्मचारियों के नाम और संस्थान की कार्य प्रणाली की बेहतर समझते थी। एक मेल में लिखा है, “लाला को उसके प्रेजेंट पोर्टफोलियो के साथ लाया जाएगा और कसम को सेम ग्रेड के तहत डिप्टी हेड नियामक के रूप में लाया जाएगा। वहीं निशा लाला को रिपोर्ट करते हुए कसम का पोर्टफोलियो संभालेगी। इसके साथ ही कसम को इस स्ट्रक्चर से हटा देना चाहिए और संस्थान छोड़ने तक उसे अनुपस्थित रखा जाना चाहिए। मयूर को उसी ग्रेड के तहत चीफ-ट्रेडिंग ऑपरेशंस का पद दिया जाएगा। वहीं उमेश को मुख्य सूचना प्रौद्योगिकी का पद मिलेगा। हुज़ान को चीफ-ग्रुप प्रोडक्ट्स, रवि वाराणसी को चीफ बीडी-न्यू प्रोडक्ट्स एवं (एसएमई / एजुकेशन / आरओ कोऑर्डिनेशन) का पद दिया जाएगा।"
मा्लूम हो कि चित्रा रामकृष्णन ने इस मामले में स्वयं जानकारी देते हुए बताया है कि 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' से उनकी मुलाक़ात क़रीब दो दशक पहले गंगा के किनारे पर हुई थी हालांकि चित्रा ने उस जगह का उल्लेख नहीं किया है। चित्रा रामकृष्णन पर आरोप है कि उन्होंने 'हिमालय के रहस्यमयी योगी' के साथ कई निजी और प्रोफ़ेशनल मामलों में सलाह-मशविरा ली और एनएसई के महत्वपूर्ण फैसले उनके कहे अनुसार लिये।