केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह बोले - वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा से आएगा बिजली का लगभग दसवां हिस्सा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: April 9, 2023 21:24 IST2023-04-09T21:21:54+5:302023-04-09T21:24:03+5:30
परमाणु ऊर्जा के अनुप्रयोगों का हवाला देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की एक पहचान यह है कि पहली बार इसका उपयोग सेब और कृषि उत्पादों जैसे फलों के शेल्फ जीवन को बढ़ाने के लिए , कैंसर और अन्य बीमारियों के उपचार में नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने के लिए किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि वर्ष 2047 तक बिजली का लगभग दसवां हिस्सा (9 प्रतिशत) परमाणु स्रोतों से आने की संभावना है। जितेंद्र सिंह के पास परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग हैं। उन्होंने कहा कि 2047 में जब देश की आजादी को 100 साल पूरे हो जाएंगे तब भारत अपनी बिजली जरूरतों का 10वां हिस्सा परमाणु ऊर्जा से हासिल करने में सक्षम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे 2070 तक शुद्ध ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल करने की प्रतिबद्धता के करीब पहुंचने में मदद मिलेगी।
2021 के अंत में ग्लासगो में COP26 शिखर सम्मेलन में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए भारत की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। भारत ने गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता के 500 GW तक पहुंचने, नवीकरणीय ऊर्जा से सभी ऊर्जा आवश्यकताओं का आधा उत्पादन करने और 2030 तक 1 अरब टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए भी प्रतिबद्दता जताई थी। भारत का लक्ष्य कोयले से बनने वाली बिजली पर निर्भरता कम से कम करना है।
एक बैठक में जितेंद्र सिंह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा निर्धारित अन्य लक्ष्य वर्ष 2030 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन की 20-गीगावाट क्षमता प्राप्त करना है, जो उनके अनुसार भारत को तीसरे सबसे बड़े उत्पादक के रूप में स्थापित करने वाला एक प्रमुख मील का पत्थर होगा। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिका और फ्रांस पहले दो पायदान पर हैं।
परमाणु ऊर्जा के अनुप्रयोगों का हवाला देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की एक पहचान यह है कि पहली बार इसका उपयोग सेब और कृषि उत्पादों जैसे फलों के शेल्फ जीवन को बढ़ाने के लिए , कैंसर और अन्य बीमारियों के उपचार में नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके भारत ने दुनिया को दिखाया है कि शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग कैसे किया जाता है।