केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात, गरमायी सियासत, दी सफाई
By एस पी सिन्हा | Updated: January 25, 2025 17:00 IST2025-01-25T16:57:12+5:302025-01-25T17:00:50+5:30
मांझी के हाल में सीटों को लेकर दिए गए बयानों से अनुमान लगाया जा रहा है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीट चाहते थे. हालांकि, एनडीए के सहयोगी पार्टी जदयू और लोजपा(रा) को एक-एक सीट मिली है।

केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात, गरमायी सियासत, दी सफाई
पटना: केन्द्रीय मंत्री एवं हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को देर शाम पटना में मुख्यमंत्री आवास पर जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान सीतामढ़ी से जदयू के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर और मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे। इसके बाद दोनों नेताओं के मुलाकात की तस्वीरें जैसे ही बाहर आई, वैसे ही कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए। कहा जाने लगा कि जीतन राम मांझी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विश्वास में लेकर शायद कोई खेला खेल सकते हैं। हालांकि कई तरह के लगाए जा रहे कयासों के बीच जीतन राम मांझी ने शनिवार को कहा कि बिहार के गया जिले को जल्द ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी सौगात मिलने वाली है।
जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए कहा, ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से हुई औपचारिक मुलाकात में बिहार में एमएसएमई विभाग के चल रहे कार्यों समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। लेकिन गया जिले के इमामगंज के लिए यह मुलाकात बेहद खास रही। 13 फरवरी को मुख्यमंत्री के आगामी दौरे के दौरान इमामगंज में उच्च शिक्षा के लिए बड़ी घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमने चुनाव प्रचार के दौरान इमामगंज में उच्च शिक्षा के विकास का जो वादा किया था, अब उसे पूरा करने का समय आ गया है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी को सीट नहीं मिलने पर वह नाराज हो गए हैं।
मांझी के हाल में सीटों को लेकर दिए गए बयानों से अनुमान लगाया जा रहा है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीट चाहते थे. हालांकि, एनडीए के सहयोगी पार्टी जदयू और लोजपा(रा) को एक-एक सीट मिली है। दोनों दल दिल्ली चुनाव में एक-एक सीट पर लड़ रहे हैं। जबकि, एनडीए में होने के बावजूद जीतन राम मांझी की पार्टी को कोई सीट नहीं मिली है।
इस वजह से वह नाराज बताए जा रहे हैं। अब इस बात की अब ज्यादा चर्चा हो रही है कि जीतन राम मांझी झारखंड और दिल्ली में सीट नहीं मिलने के बाद दबाव की राजनीति कर रहे हैं। वह बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी मजबूत स्थिति और दावेदारी को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए मांझी अभी से दबाव की राजनीति की शुरुआत कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में हम पार्टी के 4 विधायक हैं। जबकि लोकसभा में एक सांसद हैं, जो जीतन राम मांझी खुद हैं। वहीं, जीतन राम मांझी इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए एनडीए सीट बंटवारा में 40 सीट की मांग कर रहे हैं। हालांकि, एनडीए में हम पार्टी को 40 सीट मिलना बहुत कठिन दिख रहा है। मगर, जीतन राम मांझी पूरा जोर लगा रहे हैं।