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केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा एसएसबी स्थापना दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में बदले गए, लखीमपुर मामले में एसआईटी रिपोर्ट के बाद इस्तीफे का है दबाव

By विशाल कुमार | Updated: December 20, 2021 12:47 IST

दक्षिण दिल्ली के घिटोरनी में सोमवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 58वें स्थापना दिवस परेड में अजय मिश्रा के मुख्य अतिथि होने की उम्मीद थी। एक अधिकारी ने पुष्टि की कि केंद्रीय मंत्री इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नहीं होंगे।

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ठळक मुद्देएक अधिकारी ने पुष्टि की कि केंद्रीय मंत्री इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नहीं होंगे।मारे गए किसानों में से एक, नछतर सिंह के बेटे एसएसबी में तैनात हैं।अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी हैं।

नई दिल्ली: आज आयोजित होने वाली सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 58वीं वर्षगांठ परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किए गए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को आखिरी समय में उनके सहयोगी निशित प्रमाणिक से बदल दिया गया.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए किसानों में से एक, नछतर सिंह के बेटे एसएसबी में तैनात हैं जो नेपाल और भूटान की सीमाओं की रक्षा करते हैं।

दक्षिण दिल्ली के घिटोरनी में सोमवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 58वें स्थापना दिवस परेड में अजय मिश्रा के मुख्य अतिथि होने की उम्मीद थी।

एक अधिकारी ने पुष्टि की कि केंद्रीय मंत्री इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नहीं होंगे।

हालांकि अजय मिश्रा पिछले हफ्ते नॉर्थ ब्लॉक में कार्यालय गए थे और अपना आधिकारिक काम जारी रखा था, लेकिन किन कारणों से उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में हटाया गया, यह पता नहीं चल सका है। पहले की तरह ही इस साल भी सालाना परेड में मीडियाकर्मियों को आमंत्रित नहीं किया गया है।

बता दें कि, अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर 3 अक्टूबर को एक तेज रफ्तार एसयूवी से रौंदने के मुख्य आरोपी हैं जिसमें चार किसानों और एक स्थानीय पत्रकार की मौत हो गई। 

इसके बाद हुई हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ता और वाहन के चालक की मौत हो गई। इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। आशीष मिश्रा के साथ 12 अन्य को आरोपी बनाया गया है.

हिंसा की जांच कर रहे एक उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने घटना को पूर्व नियोजित साजिश करार दिया है जिसके बाद विपक्षी दल सड़क से लेकर संसद तक टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

हालांकि, सरकार यह कहते हुए टेनी को केंद्रीय कैबिनेट से हटाने से इनकार कर रही है कि बेटे की गलती की सजा पिता को नहीं दी जा सकती है.

वहीं, बुधवार को सामने आए एक वीडियो क्लिप में मंत्री को लखीमपुर में पत्रकारों को गाली और धमकी देने के साथ कैमरा और माइक बंद करते हुए कैद किया गया था.

टॅग्स :लखीमपुर खीरी हिंसामोदी सरकारSSBउत्तर प्रदेशCabinet
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