राजनाथ सिंह के मंत्रालय की रिपोर्ट ने खोल दी योगी आदित्यनाथ सरकार की पोल
By पल्लवी कुमारी | Published: September 10, 2018 07:33 PM2018-09-10T19:33:02+5:302018-09-10T19:33:02+5:30
इस रिपोर्ट के मुताबिक बुलंदशहर , सहारनपुर और कासगंज जैसे जगहों पर जो सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं, उसमें यह साफ हो गया है कि हिंदू युवा वाहिनी और स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं की सबसे ज्यादा भागीदारी हुई है।
लखनऊ, 10 सितंबर:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 मार्च, 2018 को ये दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था में काफी सुधार आया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके मुख्यमंत्री पदभार संभालने के बाद राज्य में एक भी सांप्रदायिक हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई है। लेकिन सीएम योगी के सारे दावों की केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट ने पोल खोल कर रख दी।
दंगे के मामले में यूपी सबसे आगे
सीएम योगी के इस दावे के महज 10 दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में एक आंकड़े प्रस्तुत किए। जिसमें यह कहा गया कि सांप्रदायिक हिंसा और संबंधित मौत की घटनाओं की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश देश के बाकी राज्यों की सूची में सबसे शीर्ष पर है।
95 मौत और 1350 लोग घायल
- केंद्रीय गृह मंत्रालय के आकड़ों के मुताबिक 2017 में यूपी में 44 लोग मारे गए और 540 घायल हो गए।
- वहीं, 2016 में 29 लोगों की मौते हुईं और 490 लोग घायल हुए।
- वहीं, 2015 में 22 लोगों की मौत हुई और 410 घायल हुए।
दंगों में ज्यादातर बीजेपी कार्यकर्ता का हाथ
इस रिपोर्ट के मुताबिक बुलंदशहर , सहारनपुर और कासगंज जैसे जगहों पर जो सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं, उसमें यह साफ हो गया है कि हिंदू युवा वाहिनी और स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं की भागीदारी है, जिसकी अगुआई सीएम योगी आदित्यनाथ करते हैं। इस बात को भी बताया गया है कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई तो की गई है लेकिन अपराधियों के खिलाफ सख्त कानून का पालन नहीं किया गया।
दस महीनों में 1200 मुठभेड़
16 जनवरी, 2018 को योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यूपी पुलिस ने कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए 160 लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) का आह्वान किया था। सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया कि दस महीनों में यूपी पुलिस ने 1200 एनकाउंटर किए।