"समान नागरिक संहिता केवल विभाजन बढ़ाएगा, भाजपा की कथनी-करनी से देश बंटा हुआ है", चिदबंरम का पीएम मोदी पर हमला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 28, 2023 09:25 IST2023-06-28T09:17:57+5:302023-06-28T09:25:47+5:30

देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते मंगलवार को समान नागरिक संहिता के पक्ष में की गई पुरजोर वकालत की तीखी भर्त्सना की है।

"Uniform Civil Code will only increase division, BJP's words and actions are dividing the country", Chidambaram attacks PM Modi | "समान नागरिक संहिता केवल विभाजन बढ़ाएगा, भाजपा की कथनी-करनी से देश बंटा हुआ है", चिदबंरम का पीएम मोदी पर हमला

"समान नागरिक संहिता केवल विभाजन बढ़ाएगा, भाजपा की कथनी-करनी से देश बंटा हुआ है", चिदबंरम का पीएम मोदी पर हमला

Highlightsचिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई समान नागरिक संहिता की वकालत को बेमानी बताया पीएम मोदी का परिवार और राष्ट्र को एक ही पलड़े में तौलना, उनकी समान तुलना करना सही नहीं हैपरिवार खून के रिश्तों से बंधा होता है जबकि एक राष्ट्र को संविधान द्वारा एकजुट बनाया जाता है

दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते मंगलवार को समान नागरिक संहिता के पक्ष में की गई पुरजोर वकालत की तीखी भर्त्सना की और कहा कि पीएम मोदी का परिवार और राष्ट्र को एक ही पलड़े में तौलना और उनकी समान तुलना करना बिल्कुल बेमानी है।

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने पीएम मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं से यह पूछे जाने को कि क्या एक परिवार दो तरह के नियमों से चलता है, बेहद हास्यास्पद बताया। उन्होंने पीएम के दिये भाषण पर बुधवार को अपनी राय रखते हुए कहा कि परिवार और राष्ट्र की तुलना को कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता है।

चिदम्बरम ने पीएम मोदी के समान नागरिक संहिता पर दिये तर्कों के जवाब में एक लंबा ट्वीट किया और कहा, "माननीय प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की वकालत करते हुए एक राष्ट्र को एक परिवार के बराबर बताया है। हालांकि अमूर्त अर्थ में उनकी तुलना सच लग सकती है, लेकिन वास्तविकता इससे बहुत अलग है। एक परिवार खून के रिश्तों से एक सूत्र में बंधा होता है जबकि एक राष्ट्र को संविधान द्वारा एकजुट बनाया जाता है ,जो एक राजनीतिक और कानूनी दस्तावेज है।"

अपने ट्वीट में वो आगे कहते हैं, "एक परिवार में भी विविधता होती है, ठीक उसी तरह देश में भी विविधता होगी। भारत के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता और बहुलता को मान्यता दी है। यूसीसी एक जन आकांक्षा है लेकिन इसे एजेंडा पर चलने वाली बहुसंख्यकवादी सरकार द्वारा लोगों पर थोपा नहीं जा सकता है। माननीय प्रधानमंत्री यह बता रहे हैं कि यूसीसी लागू करना बेहद सरल है। उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए, जिसमें बताया गया था कि इस समय इसे लागू करना संभव नहीं है।"

चिदम्बरम ने अपने ट्वीट में समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर न केवल पीएम मोदी बल्कि सत्ताधारी दल भाजपा को भी खूब खरी-खोटी सुनाई है। चिदम्बरम ट्वीट में आगे कहते हैं, "भाजपा की कथनी और करनी के कारण ही आज देश बंटा हुआ है। लोगों पर थोपा गया यूसीसी केवल विभाजन को बढ़ाएगा। यूसीसी के लिए माननीय प्रधानमंत्री मोदी की मजबूत वकालत का उद्देश्य मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, घृणा अपराध, भेदभाव और राज्यों के अधिकारों को नकारने से ध्यान भटकाना है। लोगों को सतर्क रहना होगा। सुशासन में विफल होने के बाद भाजपा मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने और अगला चुनाव जीतने का प्रयास करने के लिए यूसीसी का मुद्दा उठा रही है।"

 

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