'समान नागरिक संहिता पहले हिंदूओं पर लागू हो', डीएमके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फेंका जाल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 28, 2023 10:25 IST2023-06-28T10:21:08+5:302023-06-28T10:25:29+5:30

डीएमके ने पीएम मोदी के समान नागरिक संहिता पर दिये वक्तव्य पर रोष प्रगट करते हुए अगर पीएम मोदी इसे लागू करने के लिए इतने ही उत्सुक हैं तो इसकी शुरूआत सबसे पहले हिंदूओं से करें।

'Uniform Civil Code should first apply to Hindus', DMK throws trap at Prime Minister Narendra Modi | 'समान नागरिक संहिता पहले हिंदूओं पर लागू हो', डीएमके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फेंका जाल

'समान नागरिक संहिता पहले हिंदूओं पर लागू हो', डीएमके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फेंका जाल

Highlightsसमान नागरिक संहिता पर कांग्रेस के बाद अब डीएमके ने भी बोला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलास्टालिन की पार्टी डीएमके ने पीएम मोदी के समान नागरिक संहिता पर दिये वक्तव्य की आलोचना कीडीएमके ने कहा कि पीएम मोदी इसे हिंदुओं पर लागू करें, हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा असमानता है

चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख से निकले समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर अब विपक्षी दलों ने भी सियासी बाजीगरी शुरू कर दी है। कांग्रेस के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने। दक्षिण भारत में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके ने पीएम मोदी के समान नागरिक संहिता पर दिये वक्तव्य पर रोष प्रगट करते हुए अगर पीएम मोदी इसे लागू करने के लिए इतने ही उत्सुक हैं तो इसकी शुरूआत सबसे पहले हिंदूओं से करें।

डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हीं की टिप्पणी में फांसने के लिए कहा कि उन्हें इसके लिए सबसे पहले हिंदू धर्म से शुरूआत करनी चाहिए। हिंदुओं की जातियों और उपजातियों में असमानता का हवाला देते हुए एलंगोवन ने कहा, "हिंदू धर्म में सबसे पहले समान नागरिक संहिता  लागू होनी चाहिए। देश में आज भी कई ऐसे मंदिर हैं, जहां हिंदू संस्कार में पैदा होने और उन्हें मानने वाले अनुसूचित जाति और जनजातियों से जुड़े लोगों को गर्भगृह में प्रवेश करने और भगवान की पूजा करने की मनाही है।"

उन्होंने कहा, "हम देश में समान नागरिक संहिता इसलिए नहीं लागू करना चाहते हैं क्योंकि संविधान ने पहले ही सभी धर्मों को सुरक्षा के पर्याप्त अधिकार दिये हैं, फिर ये समान नागरिक संहिता का हौवा किस लिए खड़ा किया जा रहा है और अगर इसे लागू किया जाना जरूरी है तो इसकी शुरूआत सबसे पहले हिंदू धर्म से होनी चाहिए।"

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार की सुबह भोपाल से पांच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि देश दो कानूनों से नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता इस देश के संविधान का अहम हिस्सा है।

पीएम मोदी ने कहा था, "आज समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। आकिर ये देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? संविधान भी समान अधिकारों की बात करता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि समान नागरिक संहिता को लागू किया जाना चाहिए लेकिन ये विपक्ष लोग वोटबैंक की राजनीति में इस कदर खो गये हैं कि उन्हें देश की कोई परवाह नहीं है।"

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है लेकिन भारत के मुस्लिम भाई-बहनों को समझना होगा कि कौन सी राजनीतिक पार्टियां उन्हें भड़का कर अपना राजनीतिक लाभ उठाना चाहती हैं। हमे सब दिखाई दे रहा है कि कौन लोग हैं, जो समान नागरिक संहिता के नाम पर जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं।"

Web Title: 'Uniform Civil Code should first apply to Hindus', DMK throws trap at Prime Minister Narendra Modi

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