लाइव न्यूज़ :

कोरोना पर रिसर्च: प्रतिरक्षा तंत्र के मौजूद नहीं रहने से कोरोना वैक्सीन के कारगर सिद्ध होने पर पड़ेगा असर

By भाषा | Updated: September 6, 2020 07:09 IST

भारत में शनिवार (5 सितंबर) को कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 41 लाख के आंकड़े को पार कर गई, वहीं मृतकों की संख्या 70,000 से ज्यादा हो गयी है। कोविड-19 से इलाज के बाद 31,07,223 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए हैं।

Open in App
ठळक मुद्देनए अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना वायरस दोबारा हो सकता है। सीरो सर्वेक्षण आंकडों को लेकर कुछ ही अध्ययन हुए हैं लेकिन इससे ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आ पाया।

नई दिल्ली: विशेषज्ञों का कहना है कि दुनियाभर में समुदायों के बीच कोविड-19 के तेजी से प्रसार और उभार (दूसरी लहर) से, बिना लक्षण वाले लोगों की, संक्रमण को फैलाने में संभावित भूमिका का संकेत मिलता है। टीका के कारगर सिद्ध होने के लिए शरीर में प्रतिरक्षा तंत्र के लंबे समय तक बने रहने को लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति है। आईसीएमआर के ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ में एक संपादकीय के मुताबिक, बिना लक्षण वाले संक्रमितों की, कोराना वायरस संक्रमण को फैलाने में संभावित भूमिका को लेकर ठोस प्रमाण मिलने के बाद मास्क के इस्तेमाल को जारी रखने और अन्य उपायों को जारी रखने की पैरवी की जा सकती है।

डब्ल्यूएचओ के ईस्ट एशिया क्षेत्रीय कार्यालय के लिए संचारी रोग के पूर्व निदेशक राजेश भाटिया और आईसीएमआर- राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की निदेशक प्रिया अब्राहम ने कोविड-19 महामारी पर एक संपादकीय लिखा है । इसमें कहा गया है कि महामारी के आरंभिक चरण में माना गया था कि कोविड-19 संक्रमण किसी को दोबारा नहीं होगा।

इसमें कहा गया, ‘‘नए अध्ययन से पता चलता है कि दोबारा संक्रमण हो सकता है । वायरस के फिर से सक्रिय होने या दोबारा संक्रमण और महामारी के संदर्भ में उसके महत्व को लेकर पुष्टि की प्रतीक्षा है। ’’ सीरो की मौजूदगी के जरिए संक्रमण और प्रतिरक्षा के बारे में पता लगाया जाता है।

सीरो सर्वेक्षण आंकडों को लेकर कुछ ही अध्ययन हुए हैं लेकिन इससे ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आ पाया। संपादकीय में हाल में एक सीरो सर्वेक्षण के अध्ययन का जिक्र किया गया है कि जेनेवा, स्विट्जरलैंड की अधिकतर आबादी महामारी की इस लहर के दौरान संक्रमित नहीं हुई जबकि वह क्षेत्र कोविड-19 संक्रमण से बहुत ज्यादा प्रभावित है । इसमें कहा गया कि लंबे समय तक प्रतिरक्षा तंत्र के मौजूद नहीं रहने से टीका के कारगर सिद्ध होने पर भी असर पड़ेगा। टीका का असली असर तब पता चलेगा जब आगामी महीनों में अलग-अलग आबादी पर इसका इस्तेमाल होगा । वर्तमान में महामारी की रोकथाम में टीका को आखिरी उपाय माना जा रहा है । वैश्विक स्तर पर इसको लेकर प्रयास भी तेज हो गए हैं। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस वैक्सीन ट्रायलकोरोना वायरस इंडियाकोविड-19 इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई