उमेश पाल अपहरण मामला: अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा, जानें कितने का लगा जुर्माना
By मनाली रस्तोगी | Updated: March 28, 2023 15:15 IST2023-03-28T14:13:19+5:302023-03-28T15:15:37+5:30
उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया से नेता बने अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

(फाइल फोटो)
प्रयागराज: प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में माफिया-राजनेता एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
उमेश पाल के परिजन ने अदालत के फैसले पर संतोष जाहिर किया है। लेकिन, उन्हें डर है कि अतीक अहमद जेल से कुछ भी करा सकता है लिहाजा उमेश की हत्या के मामले में उसे फांसी की सजा दी जाए।
जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और पूर्व सभासद दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
अदालत ने तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह रकम उमेश पाल के परिजन को दी जाएगी। अदालत ने अहमद के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी। कचहरी परिसर में मौजूद वकीलों ने दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए अदालत में दोपहर करीब 12 बजे पेश किया गया। अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज में नैनी केन्द्रीय कारागार लाया गया था।
उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले का चश्मदीद गवाह था। राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था।
अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इस बीच, उमेश पाल की मां शांति देवी ने अपने बेटे के अपहरण के मामले में अहमद समेत तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाये जाने पर संवाददाताओं से कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा था। लेकिन अहमद जेल में रहकर भी कुछ भी करा सकता है इसलिए वह अदालत ने निवेदन करती हैं कि उनके बेटे की हत्या के मामले में अहमद को फांसी की सजा सुनायी जाए। उन्होंने कहा, "मेरा बेटा शेर की तरह लड़ा।
वह इस मामले में अपने फैसले का इंतजार कर रहा था। उसका मामला तय हो गया था। उसको उम्मीद थी कि अतीक को सजा मिलेगी। लेकिन अतीक अहमद ने जेल में रहते हुए अपने लोगों से मेरे बेटे की हत्या करा दी, इसलिए (अदालत से) मेरा निवेदन है कि उसे फांसी की सजा सुनायी जाए।" उमेश की पत्नी जया ने कहा, "मैं अदालत के फैसले का विरोध नहीं करूंगी। लेकिन मैं अब मुख्यमंत्री से निवेदन करूंगी कि मेरे साथ कोई लड़ने वाला नहीं है। वह हमारा ख्याल रखें।"
फूलपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था। अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है।
(भाषा इनपुट के साथ)