सामना में विपक्षी गुट को बताया "वैगनर ग्रुप ऑफ इंडिया", मोदी सरकार को गिराने का किया गया दावा
By मनाली रस्तोगी | Updated: June 26, 2023 16:06 IST2023-06-26T16:04:46+5:302023-06-26T16:06:46+5:30
शिवसेना (यूबीटी) पार्टी के मुखपत्र सामना में 23 जून की पटना बैठक में भाग लेने वाले विपक्षी गुट को "वैगनर ग्रुप ऑफ इंडिया" कहा गया है, जिसमें दावा किया गया है कि यह केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को गिरा देगा।

(फाइल फोटो)
मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) पार्टी के मुखपत्र सामना में 23 जून की पटना बैठक में भाग लेने वाले विपक्षी गुट को "वैगनर ग्रुप ऑफ इंडिया" कहा गया है, जिसमें दावा किया गया है कि यह केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को गिरा देगा। सामना के एक संपादकीय में कहा गया, "पटना में मोदी की सत्ता को चुनौती देने के लिए 'वैगनर ग्रुप' एक साथ आया।"
संपादकीय में ये भी कहा गया, "यह ग्रुप किराये के लिए नहीं है, यह महत्वपूर्ण है। (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन की तरह, मोदी को भी जाना होगा, लेकिन लोकतांत्रिक तरीकों से। पटना में 'वैगनर ग्रुप' ने दिए ये संकेत!" यह तुलना विपक्षी दलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है क्योंकि वैगनर समूह मूल रूप से येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व में भाड़े के सैनिकों की एक निजी सेना है।
संपादकीय में आगे कहा गया, "शुक्रवार को पटना में 17 प्रमुख राजनीतिक दलों की लंबी बैठक हुई। इसमें पांच मौजूदा मुख्यमंत्री और इतने ही पूर्व मुख्यमंत्री मौजूद थे। इस बैठक में 2024 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को आमने-सामने के मुकाबले में हराने का फैसला लिया गया। लोकतंत्र की दृष्टि से यह अच्छी खबर है।"
संपादकीय में पूछा गया, "गृह मंत्री अमित शाह ने इस बैठक में उम्मीद के मुताबिक प्रतिक्रिया दी। अमित शाह ने कहा, 'विपक्ष के लोग एक फोटो के लिए इकट्ठा हुए और चाहे कितनी भी विपक्षी पार्टियां एक साथ आ जाएं, ये तय है कि बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी।' देश में 'फोटो प्रेमी' कौन है?" संपादकीय में यह भी कहा गया है कि भाजपा का समर्थन करने वाले समूह पहले हमला करेंगे।
सामना के संपादकीय में कहा गया, "मोदी-शाह ने जीत का ढोल पीटने, मतदाताओं पर दबाव बनाने के लिए बड़ी संख्या में भाड़े के सैनिक तैयार किए हैं। ये भाड़े के सैनिक ही उस पर सबसे पहले हमला करेंगे। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण फिलहाल रूस में देखने को मिल रहा है। पुतिन की तरह मोदी-शाह भी तानाशाही, अधिनायकवाद लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें सभी राष्ट्रीय व्यवस्थाओं पर कब्ज़ा करना होगा। अपने चारों ओर भाड़े के आदमी खड़े कर लिए उन भाड़े के लोगों ने देश की संपत्ति बेच दी।"
संपादकीय में कहा गया, "पुतिन के देश में आज क्या हो रहा है? पुतिन द्वारा अपनी सुविधा के लिए तैयार की गई 'वैगनर ग्रुप' नामक सेना ने उनके खिलाफ विद्रोह की घोषणा कर दी। पुतिन की निजी सेना उनकी तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकने और रूस में तख्तापलट करने के लिए सड़कों पर उतर आई। ये सेना मॉस्को पर कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ रही थी।"
संपादकीय में आगे दावा किया गया है कि पटना में विपक्षी नेताओं के एक साथ आने के दृश्यों के कारण लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा के लक्ष्य में 100 सीटों की गिरावट आई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहले कहा था कि पार्टी लोकसभा में 400+ सीटें जीतेगी, लेकिन अमित शाह ने अब लक्ष्य घटाकर 300 कर दिया है।