Uddhav Thackeray meets Devendra Fadnavis: क्या होगा आगे?, देवेन्द्र फडणवीस से मिले उद्धव ठाकरे, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 17, 2024 17:55 IST2024-12-17T17:54:48+5:302024-12-17T17:55:35+5:30
Uddhav Thackeray meets Devendra Fadnavis in Nagpur: शिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को विधान भवन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात की।

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Uddhav Thackeray meets Devendra Fadnavis in Nagpur:महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार हो गया। नागपुर में विधानसभा सत्र चल रहा है। इस बीच राजनीति चर्चा गर्म है। शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को नागपुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात की। फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। बैठक के दौरान मौजूद रहे शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज हमारी पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर से मुलाकात की।
#WATCH | Shiv Sena (UBT) leader Uddhav Thackeray meets Maharashtra CM Devendra Fadnavis in Nagpur
— ANI (@ANI) December 17, 2024
(Source: DG-I&PR) pic.twitter.com/wbuZd3UdMR
यह एक कदम आगे है। दिलचस्प बात यह है कि फडणवीस और उद्धव के बीच यह मुलाकात ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड द्वारा कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से उद्धव ठाकरे के साथ अपना गठबंधन तोड़ने का आग्रह करने के कुछ ही दिनों बाद हुई है। इस मुलाकात के दौरान उद्धव के साथ शिवसेना (उबाठा) के विधायक आदित्य ठाकरे, अनिल परब और वरुण सरदेसाई भी मौजूद रहे।
बोर्ड ने हाल के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी को मुस्लिम समुदाय के समर्थन के बावजूद, 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के विध्वंस का जश्न मनाने वाले बैनर प्रकाशित करने के लिए सेना (यूबीटी) की आलोचना की थी। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात फडणवीस के कक्ष में हुई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य विधान परिषद के सदस्य हैं।
राज्य विधानमंडल के मौजूदा शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए उद्धव मंगलवार को यहां नागपुर पहुंचे। वह शाम को शिवसेना (उबाठा) के विधायक दल की बैठक में भी भाग लेंगे। वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (तब अविभाजित) ने मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर लंबे समय से सहयोगी रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ संबंध तोड़ लिए थे।