उद्धव ठाकरे बोले-महाराष्ट्र में गतिरोध के लिए फड़नवीस जिम्मेदार, किसी को मुगालता ना हो कि वह CM पद का अमरपट्टा पहनकर आया है
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 1, 2019 08:02 AM2019-11-01T08:02:57+5:302019-11-01T08:02:57+5:30
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने फोन पर उद्धव ठाकरे से सरकार गठन में आ रहे गतिरोध को दूर करने के संबंध में चर्चा की.
महाराष्ट्र में सरकार गठन में हो रही देरी के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को जिम्मेदार करार देते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि सीएम को दीपावली के दिन यह नहीं कहना चाहिए था कि सत्ता में भागीदारी के लिए 50-50 के फार्मूले का आश्वासन नहीं दिया गया था.
उद्धव ने कहा कि इसी वजह से दोनों भाजपा-शिवसेना के बीच बातचीत नहीं हो पा रही है. उन्होंने यह भी साफ किया कि भाजपा की ओर से उन्हें कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. यहां पार्टी के विधायकों को संबोधित करते हुए उद्धव ने फड़नवीस पर तंज कसते हुए कहा, ''किसी को इस बात का मुगालता नहीं होना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री पद का 'अमरपट्टा' पहनकर आया है. हम सहयोगी दल को सहयोगी दल ही मानते हैं, शत्रु दल नहीं!
अमित शाह के साथ हुई चर्चा के अनुसार यदि हमें सत्ता में भागीदारी मिल जाए तो हम स्थिर सरकार देंगे.''
सीएम-उद्धव के बीच हुई चर्चा बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने फोन पर उद्धव ठाकरे से सरकार गठन में आ रहे गतिरोध को दूर करने के संबंध में चर्चा की. जोशी ने बताया कि शिवसेना की बैठक में ठाकरे ने कहा कि दोनों दलों के बीच जो कुछ तय हुआ है, उसके मुताबिक ही शिवसेना को हिस्सेदारी मिलेगी.
महाराष्ट्र में युक्ति से नहीं युति से सरकार बनाना चाहता है भाजपा आलाकमान
महाराष्ट्र में सरकार गठन में चल रही रस्साकशी के बीच भाजपा आलाकमान ने स्पष्ट किया है कि वह राज्य में युति से ही सरकार बनाना चाहती है. उसका मकसद वहां पर युक्ति से सरकार बनाने का नहीं है. यही वजह है कि वह शिवसेना के साथ लगातार संपर्क में है और उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वह विचारधारा से अलग जाने को लेकर विचार न करें.
हालांकि एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि राजनीति में अंतिम निर्णय लेने का भी एक वक्त आता है. अगर ऐसी कोई स्थिति आती है तो उस समय हम समान विचारधारा वाले विधायकों से संपर्क कर आगे की रणनीति पर भी विचार कर सकते हैं. ऐसा करने से पहले भी शिवसेना के साथ एक बार अंतिम दौर की वार्ता की जाएगी.