लाइव न्यूज़ :

चीन सीमा पर दस हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित दो फायरिंग रेंज सशस्त्र बलों को सौंपे गए, ऊंचाई पर गोलीबारी का अभ्यास करेंगे जवान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 4, 2023 15:28 IST

दस हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित मंडला और कामराला फायरिंग रेंज की जमीन सशस्त्र बलों को सौंप दी गई है। अब ऊंचाई वाले रणनीतिक स्थानों पर तैनात सैनिक गोलीबारी का अभ्यास कर सकते हैं और इसमें कुशल बन सकते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देभारतीय सेना की भारी तैनाती चीन से लगी सीमा पर हैसेना ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में अपनी युद्धक क्षमताओं को लगातार बढ़ाने की कोशिश में अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित दो ‘फायरिंग रेंज’ को सशस्त्र बलों को उपलब्ध कराया गया

तवांग: पिछले कुछ सालों से अत्यंत संवेदनशील वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ बेहद तनावपूर्ण संबंध हैं। भारतीय सेना की भारी तैनाती चीन से लगी सीमा पर है। भारतीय सेना ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में अपनी युद्धक क्षमताओं को लगातार बढ़ाने की कोशिश में है। 

इसी बीच अत्यंत संवेदनशील वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 50 किलोमीटर के हवाई दायरे के भीतर अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न तरह के हथियारों और निगरानी उपकरणों के अभ्यास के लिए इस अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित दो ‘फायरिंग रेंज’ को सशस्त्र बलों को उपलब्ध कराया गया है।

दस हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित मंडला और कामराला फायरिंग रेंज की जमीन सशस्त्र बलों को सौंपने की पहल मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने की थी।  ‘बुलंद भारत’ नाम का पहला एकीकृत निगरानी और मारक क्षमता प्रशिक्षण अभ्यास मई में मंडला में किया जा चुका है, जबकि कामराला फायरिंग रेंज में अभी एक बड़ा फायरिंग अभ्यास किया जाना बाकी है। दोनों सुपर हाई एल्टीट्यूड फायरिंग रेंज एलएसी से 50 किलोमीटर की हवाई दूरी के भीतर स्थित हैं। अरुणाचल प्रदेश चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के साथ 1,129 किलोमीटर लंबी एलएसी साझा करता है। इसलिए ये क्षेत्र बेहद संवेदनशील है।

इस बारे में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पीटीआई-भाषा से कहा कि राष्ट्रीय हित पहले आते हैं। हमने सशस्त्र बलों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए दो फायरिंग रेंज के लिए जमीन सौंपने का फैसला किया है। 

बता दें कि पिछले साल नौ दिसंबर को यांगस्ते में पीएलए (चीनी) सैनिकों ने घुसपैठ की थी। यह क्षेत्र तवांग जिले में मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र मुक्तो के अंतर्गत आता है। पीएलए के सैनिक यांग्स्ते में प्रवेश करने के बाद भारतीय सेना से भिड़ गए थे। जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे। सूत्रों ने कहा कि दोनों फायरिंग रेंज सशस्त्र बलों के लिए बेहद फायदेमंद होंगे क्योंकि लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले रणनीतिक स्थानों पर तैनात सैनिक गोलीबारी का अभ्यास कर सकते हैं और इसमें कुशल बन सकते हैं। यह अभ्यास विशेष बलों, अरुणाचल प्रदेश के कामेंग और तवांग में तैनात वायु एवं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के साथ निकट समन्वय में किया गया। 

(इनपुट- भाषा) 

टॅग्स :अरुणाचल प्रदेशभारतीय सेनापेमा खांडूचीनLine of Actual Control
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वदुनियाभर में आफत?, हांगकांग में आग, 128 मरे, थाईलैंड में बाढ़ से 145 की मौत और श्रीलंका में बाढ़-भूस्खलन से 56 की मौत

विश्वHong Kong Fire: भीषण आग की चपेट में दर्जनों जिंदगियां, हांगकांड में इमारतों में लगी आग में मरने वालों की संख्या 94 हुई, कई लोग अब भी लापता

विश्वHong Kong fire: मरने वालों की संख्या बढ़कर 65, 279 लोग अब भी लापता, अस्पताल में जूझ रहे 68

भारतऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने उरी हाइड्रो प्लांट पर हमला करने का किया था प्रयास, CISF ने ऐसे किया नाकाम

भारतTejas Fighter Jet Crashes: भारत का तेजस फाइटर जेट क्रैश, देखें दिल दहला देने वाला वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील