लोकतंत्र में विश्वस्त मीडिया अहम
By भाषा | Updated: November 16, 2021 20:34 IST2021-11-16T20:34:57+5:302021-11-16T20:34:57+5:30

लोकतंत्र में विश्वस्त मीडिया अहम
गुवाहाटी, 16 नवंबर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर मंगलवार को असम में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए विश्वस्त मीडिया की अहमियत पर जोर दिया गया। साथ में यह भी कहा गया है कि विज्ञापनदाताओं के बढ़ते प्रभाव की वजह से लोगों से संबंधित मुद्दों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मीडिया के लिए पाठकों और दर्शकों में अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के वास्ते आत्मचिंतन और नियमन की जरूरत को भी रेखांकित किया गया।
मुख्य वक्ता तेज़पुर विश्वविद्यालय में समाज शास्त्र के प्रोफेसर डॉ चंदन कुमार शर्मा ने कहा कि मीडिया के लिए विश्वास सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है और समाज यह जोखिम नहीं उठा सकता है कि मीडिया अपनी विश्वसनीयता खो दे।
उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहारने में प्रहरी के तौर पर मीडिया की भूमिका हमेशा अहम रही है।
शर्मा ने कहा कि मीडिया संस्थान राजस्व के लिए विज्ञापनों पर काफी निर्भर हैं और यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसमें संतुलन की जरूरत है।
इस मौके पर सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पीजूश हजारिका ने कहा कि मीडिया ने भारत को दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्रों में से एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि मीडिया की निरंतर निगरानी से देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया का विकास हुआ है।
इस मौके पर राज्य सरकार ने 12 वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया।
इस बीच मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बयान में कहा कि किसी भी घटना के सभी सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को जनता के सामने उजागर करने की मीडिया की भूमिका राष्ट्र की लोकतांत्रिक नींव को मजबूत करने में मदद करती है।
उन्होंने कहा कि मीडिया सरकार के विभिन्न अंगों के बीच एक सेतु का काम करती है और एक स्थिर लोकतांत्रिक व्यवस्था को बढ़ावा देती है।
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