Tripura New CM: बीजेपी नेता माणिक साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप आज शपथ ग्रहण किया है। उन्होंने अगरतला में राजभवन में शपथ लिया है। माणिक साहा ने सीएम का पद तब संभाला है जब शनिवार को बिप्लब कुमार देब ने इस्तीफा दे दिया था। आपको बता दें कि डॉ. साहा राज्यसभा सांसद और राज्य में पार्टी के प्रमुख हैं। उन्होंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के पद को तब संभाला है जब राज्य में टीएमसी एक प्रमुख विपक्ष पार्टी के रुप में उभर कर सामने आ रही है। गौरतलब है कि त्रिपुरा में अगले साल मार्च में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में माणिक साहा के त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बनने को एक बड़ी राजनीतिक बदलाव के रुप में देखा जा रहा है।
राज्य में दोबारा जड़ें जमाने की यह हो सकती है भाजपा की बड़ी कवायद
त्रिपुरा में युवा बिप्लब कुमार देब की जगह अपेक्षाकृत अधिक उम्र वाले डेंटल सर्जन डॉ. माणिक साहा को मुख्यमंत्री नियुक्त करने के फैसले को कई लोग रणनीतिक लिहाज से अहम इस पूर्वोत्तर राज्य में ‘दोबारा जड़ें जमाने की भाजपा की बड़ी कवायद’ के तौर पर देख रहे हैं। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के छात्र रह चुके साहा (69) साल 2016 में भाजपा में शामिल होने से पहले विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य थे। 2020 में बिप्लब देब के त्रिपुरा भाजपा का अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद उन्होंने राज्य में पार्टी की कमान संभाली थी।
राज्य के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ियों में शुमार रह चुके साहा त्रिपुरा क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी हैं। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में साहा का कद उनकी साफ छवि और ट्रैक रिकॉर्ड के कारण बढ़ा, जिसमें नवंबर 2021 में त्रिपुरा में हुए निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस से कांटे की टक्कर के बीच सभी 13 नगर निकायों में पार्टी को जीत दिलाना शामिल है।
‘तत्काल मजबूती देने’ के उठाए गए यह कदम
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री बदलने का फैसला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गए एक विश्लेषण के बाद आया, जिसमें ये संकेत दिए गए थे कि त्रिपुरा में पार्टी और सरकार में बदलाव करने की जरूरत है। सत्तारूढ़ दल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि राज्य में अगले आठ से नौ महीने में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले संगठन को ‘तत्काल मजबूती देने’ के लिए यह कदम जरूरी था।
भाषा इन्पुट के साथ