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तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने ईंधन की बढ़ती कीमतों के लिये प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की

By भाषा | Updated: July 4, 2021 18:41 IST

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कोलकाता, चार जुलाई ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और सवाल किया कि वह ‘‘कहां छुपे हुए हैं।’’

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि ईंधन की कीमतें ‘‘ऐतिहासिक रूप से आसमान छू रही हैं’’ और ऐसा लगता है कि भाजपा ‘‘जनता की तकलीफें बढ़ाने के लिये’’ कठोर परिश्रम कर रही है।

हालांकि, भाजपा ने सवाल किया कि कीमतें घटाने के लिए राज्य सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर अपने शुल्क क्यों नहीं घटा रही है।

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘ईंधन की कीमतें ऐतिहासिक रूप से आसमान छू रही हैं, ऐसा लगता है कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार लोगों की तकलीफें बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। 2020 से अभी तक कुछ खास बदलाव नहीं आया है। वही पुराना आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है और भारत की जनता की मांगों को आसानी से नजरअंदाज किया जा रहा है।’’

मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से ऊपर है, वहीं दिल्ली और कोलकाता में इसकी कीमत 99 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा है।

राज्य के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘देश के लोग जब भी तकलीफ में होते हैं श्रीमान नरेंद्र मोदी की नाटक करने की प्रवृत्ति है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अभी जब पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं, तो वह भूमिगत क्यों हो गए हैं? क्या आप झूठ के पुलिंदे से भरा भाषण तैयार कर रहे हैं प्रधानमंत्री जी?’’

वैट सहित अन्य स्थानीय करों के कारण पेट्रोलियम पदार्थों (पेट्रोल, डीजल) की कीमतें राज्यों में अलग-अलग होती हैं। इसी कारण राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, बिहार, पंजाब और लद्दाख में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा है।

पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में वाम दलों ने भी प्रदर्शन किया।

वहीं, पश्चिम बंगाल भाजपा के नेता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि आलोचनाओं से समस्या का समाधान नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार अपना कर क्यों नहीं घटा रही है? सभी को पता है कि केन्द्र सरकार मौजूदा संकट से किस तरह निपट रही है। समस्या के समाधान के लिए केन्द्र और राज्य के संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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