गन्ने के दाम में वृद्धि की मांग कर रहे किसानों ने शनिवार को जालंधर में रेल पटरियों और एक राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। इससे ट्रेनों का परिचालन और वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। फिरोजपुर संभाग के रेलवे अधिकारियों के अनुसार 69 ट्रेनें रद्द कर दी गईं। वहीं, 54 ट्रेनों को या तो दूसरे मार्ग पर मोड़ दिया गया या उन्हें गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया। ऐसे में रविवार को मनाए जाने वाले रक्षाबंधन के त्योहार के चलते यात्रा करने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सैकड़ों किसानों ने शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए आंदोलन शुरू किया था ताकि पंजाब सरकार पर गन्ना बकाया और गन्ना कीमतों में बढ़ोतरी से संबंधित उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला जा सके। शनिवार को उन्होंने मांगें पूरी होने तक अवरोधक हटाने से इनकार कर दिया।अधिकारियों ने बताया कि आपात सेवा वाले वाहनों को आवाजाही की अनुमति दी गई है। जालंधर जिले के धनोवली गांव के निकट प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के जालंधर-फगवाड़ा मार्ग को अवरूद्ध कर दिया। इस प्रदर्शन की वजह से जालंधर, अमृतसर, पठानकोट से आने-जाने वाला यातायात प्रभावित रहा। हालांकि, प्रशासन ने कुछ वैकल्पिक मार्गों पर वाहनों को मोड़ा। जालंधर-चहेरू खंड पर बैठे किसानों ने जालंधर में लुधियाना-अमृतसर और लुधियाना-जम्मू रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे अमृतसर-नई दिल्ली (02030) और अमृतसर-नई दिल्ली शान-ए-पंजाब (04068) सहित कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। कई रेल यात्रियों ने कहा कि वे अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सकते क्योंकि उनकी ट्रेन रद्द हो गई। अमृतसर रेलवे स्टेशन पर अपनी पत्नी और बच्चे के साथ बैठे एक शख्स ने कहा, '' हमें सुबह एक संदेश प्राप्त हुआ कि सुबह आठ बजे रवाना होने वाले हमारी ट्रेन रद्द हो गई है। हमने अन्य ट्रेन के टिकट लिए लेकिन हम इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि वो ट्रेन भी चलेगी या नहीं?'' उन्होंने कहा, '' हम भोपाल जाने वाले थे और रविवार को राखी का त्योहार है, ऐसे में हमें नहीं पता कि हम कैसे अपने गंतव्य तक पहुचेंगे।'' जालंधर रेलवे स्टेशन पर एक अन्य यात्री ने कहा कि उन्हें किसानों के आंदोलन की जानकारी नहीं थी और स्टेशन पर पहुंचने के बाद उन्हें देहरादून के लिए जाने वाली ट्रेनों के रद्द होने के बारे में पता चला। भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के महासचिव सतनाम सिंह साहनी ने कहा कि वे 'रक्षा बंधन' के लिए यात्रा करने वाले परिवारों को राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी सर्विस लेन से जाने की अनुमति दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान पंजाब सरकार से गन्ने का राज्य सुनिश्चित मूल्य (एसएपी) बढ़ाने और 200-250 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। वे पंजाब सरकार द्वारा कुछ दिन पहले घोषित 15 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को पहले ही खारिज कर चुके हैं।
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