वैष्णो देवी के दरबार में बढ़ती भीड़ से व्यापारी खुश लेकिन श्रद्धालु हुए नाखुश, जानिए क्या है वजह
By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 13, 2022 04:32 PM2022-12-13T16:32:07+5:302022-12-13T16:40:34+5:30
वैष्णो देवी धाम में इस समय बेहद खुशी का माहौल है क्योंकि श्रद्धालुओं की भीड़ लगाकार बढ़ती जा रही है। लेकिन दर्शन के लिए आने वाले यात्री इस बात से नाखुश हैं क्योंकि जैसे-जैसे भीड़ बढ़ रही है भक्तों को गुफा के भीतर माता की पिंडियों के मिलने वाले दर्शन का समय कम होता जाता है।
जम्मू: वैष्णो देवी तीर्थस्थल में बढ़ती भीड़ के एक करोड़ का आंकड़ा पर करने की उम्मीद से वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों तथा कटरा के व्यापारियों में खुशी का माहौल है लेकिन साथ ही यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं में बढ़ती भीड़ के कारण नाखुशी का माहौल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती है तो गुफा के भीतर स्थित माता की पिंडियों के दर्शनों का समय कम होता जाता है।
अधिकारियों ने पहले ही स्पष्ट किया है कि पवित्र गुफा के भीतर माता की पिंडियों के दर्शनार्थ मिलने वाला समय नहीं बढ़ेगा बल्कि इसमें और कमी आने की आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि यात्रा में लगातार हो रही वृद्धि के चलते श्राइन बोर्ड भीड़ को संभालने में हमेशा ही नाकाम साबित हुआ है। यह शिकायत भक्तों को कई सालों से है पर अभी तक शिकायत दूर नहीं हुई है। उनकी शिकायत पवित्र गुफा के भीतर माता की पिंडियों के दर्शनार्थ मिलने वाले समय के प्रति है।
दरअसल भक्तों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि के चलते श्राइन बोर्ड भक्तों के प्रति बिजनेस के दृष्टिभाव से उन्हें हांकने की कोशिश में लगा रहता है। जिसका परिणाम यह है कि गुफा के भीतर भक्तों को पिंडियों के दर्शन मात्र 3 से 4 सेकेंड के लिए ही होते हैं। अब जबकि श्राइन बोर्ड को उम्मीद है कि आने वालों की संख्या एक करोड़ के आंकड़े को पार कर लेगी तो ऐसे में यह समय और कम हो जाएगा क्योंकि इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका है।
यह सच है कि कोरोना से मुक्ति के बाद वैष्णो देवी की यात्रा में तेजी आई थी। तभी तो पिछले साल का रिकार्ड कब का टूट चुका है। पिछले साल 55.88 लाख श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी की पिंडियों के दर्शन किए थे। वर्ष 2021 की संख्या भी सुकून देनी वाली थी क्योंकि कोरोना के कारण वर्ष 2020 में तो सिर्फ 17.20 लाख श्रद्धालु ही आ पाए थे। यह संख्या निराश करने वाली थी। लेकिन इस साल की शुरूआत ने श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त कटड़ा के व्यापारियों में भी नया उत्साह भरना आरंभ किया है।
इस साल अभी तक जून महीने में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आए थे। करीब 11.29 लाख श्रद्धालुओं ने जून में जो खुशी दी थी वह अभी भी कायम है। हालंकि अधिकारियों के मुताबिक, इस साल आने वालों की संख्या वर्ष 2012 का रिकार्ड शायद ही तोड़ पाए जब 104.90 लाख श्रद्धालु आए थे लेकिन यह उम्मीद जरूर बरकरार है कि वर्ष 2013 का रिकार्ड जरूर टूटेगा जब 93.24 लाख श्रद्धालुओं ने माथा टेका था।
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक सर्दी और शादियों के सीजन के कारण वैष्णो देवी की यात्रा में प्रतिदिन आने वालों का आंकड़ा 10-15 हजार का ही है जिसके दूसरे पखवाड़े में 50 से 60 हजार तक पहुंचने की उम्मीद इसलिए भी दिखाई दे रही है क्योंकि कटरा के होटलवालों के अनुसार, दिसम्बर के अंतिम सप्ताह के लिए 90 परसेंट से अधिक बुकिंगें हो चुकी हैं।