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Top Evening News: निर्भया के दोषियों को 3 मार्च सुबह 6 बजे होगी फांसी, आर्टिकल 370 की आलोचक रहीं ब्रिटिश सांसद को दिल्ली एयरपोर्ट से लौटाया 

By भाषा | Updated: February 17, 2020 19:25 IST

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि किसी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने का लोगों के पास मूल अधिकार है लेकिन सड़कों को अवरूद्ध किया जाना चिंता का विषय है और अवश्य ही एक संतुलन रखना होगा

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ठळक मुद्देझारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की अगुवाई वाले झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का सोमवार को भाजपा में विलय हो गया। चीन में घातक कोरोना वायरस से 105 और लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या सोमवार को 1,770 के पार पहुंच गई।

उच्चतम न्यायालय ने दिया सभी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने का निर्देश

सैन्य बलों में लैंगिक भेदभाव खत्म करने पर जोर देते हुये उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सेना में महिला अधिकारियों के कमान संभालने का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि तीन महीने के भीतर सारी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाये। न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार की इस दलील को विचलित करने वाला और समता के सिद्धांत के विपरीत बताया जिसमें कहा गया था कि शारीरिक सीमाओं और सामाजिक चलन को देखते हुए कमान पदों पर नियुक्ति नहीं की जा रही। पीठ ने कहा कि महिला अधिकारियों ने पहले भी देश का सम्मान बढ़ाया है और उन्हें सेना पदक समेत कई वीरता पदक मिल चुके हैं। सेना में लैंगिक समानता के मार्ग में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुये पीठ ने कहा कि सैन्य बलों में लैंगिक दुराग्रह खत्म करने के लिये सरकार को अपनी सोच बदलनी होगी। न्यायालय ने कहा कि महिलाओं की कमान में नियुक्ति किये जाने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा। हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि जैसा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि युद्धक भूमिका में महिला अधिकारियों की तैनाती नीतिगत मामला है और इस बारे में सक्षम प्राधिकारियों को विचार करना होगा। पीठ ने कहा कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने संबंधी उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को रोक नहीं होने के बावजूद सरकार ने पिछले एक दशक में इन निर्देशों को लागू करने के प्रति नाम मात्र का सम्मान दिखाया है।

लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन अवश्य ही संतुलन रखना होगा : शीर्ष न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि किसी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने का लोगों के पास मूल अधिकार है लेकिन सड़कों को अवरूद्ध किया जाना चिंता का विषय है और अवश्य ही एक संतुलन रखना होगा। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शनों के कारण सड़कें अवरूद्ध होने को लेकर दायर की गई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि न्यायालय को इस बात की चिंता है कि यदि लोग सड़कों पर प्रदर्शन करना शुरू कर देंगे, तो फिर क्या होगा। न्यायालय ने कहा कि लोकतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति पर चलता है लेकिन इसके लिए भी सीमाएं हैं। पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बात करने और उन्हें ऐसे वैकल्पिक स्थान पर जाने के लिए मनाने को कहा, जहां कोई सार्वजनिक स्थल अवरुद्ध नहीं हो। बहरहाल, न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 24 फरवरी तय की। पीठ ने कहा कि लोगों को प्रदर्शन करने का मूल अधिकार है लेकिन जो चीज हमें परेशान कर रही है, वह सार्वजनिक सड़कों का अवरूद्ध होना है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शाहीन बाग प्रदर्शन से यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि हर संस्था इस मुद्दे पर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश कर रही है।

निर्भया कांड: दिल्ली की अदालत ने नए मृत्यु वारंट जारी किए, तीन मार्च को होगी दोषियों को फांसी

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चार दोषियों को तीन मार्च सुबह छह बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों -मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी देने के लिए यह मृत्यु वारंट जारी किया है। यह तीसरी बार है कि इन चारों के लिए मृत्यु वारंट जारी किये गये हैं। सबसे पहले फांसी देने की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी। लेकिन 17 जनवरी के अदालत के आदेश के बाद इसे टालकर एक फरवरी सुबह छह बजे किया गया था। फिर 31 जनवरी को निचली अदालत ने अगले आदेश तक चारों दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी, क्योंकि उनके सारे कानूनी विकल्प खत्म नहीं हुए थे। सोमवार को सुनवाई के दौरान चारों दोषियों में मुकेश ने अदालत से कहा कि वह नहीं चाहता है कि अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर उसकी पैरवी करें। तब अदालत ने वकील रवि काजी को उसका पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया। अदालत को यह भी सूचित किया गया कि इस मामले का अन्य अपराधी विनय शर्मा तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर है।

बाबूलाल मरांडी की झाविमो (पी) का भाजपा में विलय

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की अगुवाई वाले झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का सोमवार को भाजपा में विलय हो गया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यहां एक रैली में भगवा पार्टी में शामिल होने के लिए मरांडी और उनके समर्थकों का स्वागत किया। शाह ने मरांडी को आश्वासन दिया कि उन्हें भाजपा में उचित सम्मान और जिम्मेदारी मिलेगी। शाह ने रैली में कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि बाबूलाल मरांडी भाजपा में लौट आए हैं, मैं 2014 में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से उनकी वापसी के लिए काम कर रहा था। ’’ उन्होंने अयोध्या का मुद्दा भी उठाया और पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने का भी जिक्र किया।

जानें अन्य बड़ी खबरें

- उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को समायोजित सकल आय (एजीआर) बकाया के भुगतान मामले में आज ही 2500 करोड़ रूपए और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रूपए जमा करने का वोडाफोन का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके अलावा न्यायालय ने कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने से उसे राहत भी नहीं दी।- गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक समिति ने सुझाव दिया है कि असम के मूल निवासियों को परिभाषित करने तथा राज्य के बाहर के लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) जारी करने का कट-ऑफ वर्ष 1951 होना चहिए। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।- जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने के भारत के कदम की आलोचक रहीं एक ब्रिटिश सांसद ने सोमवार को दावा किया कि यहां हवाई अड्डे पर उतरने के बाद उनके पास वैध वीजा होने के बावजूद उन्हें भारत में प्रवेश नहीं करने दिया गया और उन्हें दुबई भेज दिया गया जहां से वह दिल्ली गयी थीं।-  वोडाफोन आइडिया और टाटा समूह ने सोमवार को सरकार को सांविधिक बकायों में से कुछ पैसे का भुगतान किया।- चीन में घातक कोरोना वायरस से 105 और लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या सोमवार को 1,770 के पार पहुंच गई।- जापान के समुद्र तटीय क्षेत्र के पास एक क्रूज जहाज पर 99 और लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। जापानी मीडिया ने सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के नये आंकड़ों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी।- चीन के पहलवान मंगलवार से यहां शुरू हो रही एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि उनके देश में नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने के कारण भारत सरकार ने उन्हें वीजा जारी नहीं किए हैं। राष्ट्रीय महासंघ के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। 

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