पटना: बिहार में 2025 के अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपना दमखम दिखाने की तैयारी में जुटे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर अभी से ही आधी आबादी को साधने में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने रविवार को पटना में जनसुराज से जुड़ी महिलाओं के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने यह ऐलान किया कि विधानसभा में चुनाव में उनकी पार्टी कम से कम 40 महिला उम्मीदवारों को जीत दिलाकर विधानसभा ले आएंगे।
इस कार्यक्रम के बाद अब सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि प्रशांत किशोर अधिक से अधिक युवाओं और महिलाओं को जनसुराज से जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, बिहार में महिलाओं का समर्थन एनडीए के पक्ष में ज्यादा रहता है। इसी साइलेंट वोटबैंक की दम पर नीतीश कुमार पिछले 20 वर्षों से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हैं। लेकिन अब नीतीश कुमार से सत्ता छीनने के लिए प्रशांत किशोर की नजर अब इसी वोट बैंक पर है।
बता दें कि 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने पुरुषों की तुलना में 5.01 प्रतिशत अधिक मतदान किया था। वहीं उससे भी पहले अगर 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इसमें भी पुरुषों की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने मतदान किया था।
वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में भी महिला मतदाताएं आगे रहीं। हर फेज में महिला वोटरों की लंबी कतारें बूथों पर देखी गई हैं। ऐसे में बिहार की राजनीति में जनसुराज की मजबूती के लिए प्रशांत किशोर इन महिला मतदाताओं को अधिक से अधिक संख्या में अपनी ओर करना चाहेंगे। घर से पुरुषों का पलायन और सोशल मीडिया के माध्यम से घर बैठे पैसे कमाने का मुद्दा उठाकर उन्होंने महिलाओं से जुड़ी दो प्रमुख मुद्दों को छुआ है।
उन्होंने हाल ही में महिलाओं को इमोशनल करते हुए वादा किया था कि 2025 के बाद से उनके पति और बेटे को बाहर नौकरी करने नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि अपने पति-बेटा को फोन करके बता दीजिएगा कि 2025 की छठ में जब भी वो बिहार आएंगे तो नौकरी या मजदूरी के लिए उन लोगों को बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
एक तरह से कहा जाए तो महिलाएं जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाती रही हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों हर चुनाव में महिला और युवा वोटरों पर अधिक फोकस भी करती हैं। इसी कड़ी में अब प्रशांत किशोर ने भी आधी आबादी के वोटों पर फोकस करने लगे हैं।