राजस्थान मे प्रजनन दर लक्ष्य को पाने के लिए अपनानी होगी ‘हम दो हमारा एक’ की नीति : शर्मा

By भाषा | Updated: July 16, 2021 15:08 IST2021-07-16T15:08:59+5:302021-07-16T15:08:59+5:30

To achieve the target of fertility rate in Rajasthan, the policy of 'Hum Do Hamara Ek' will have to be adopted: Sharma | राजस्थान मे प्रजनन दर लक्ष्य को पाने के लिए अपनानी होगी ‘हम दो हमारा एक’ की नीति : शर्मा

राजस्थान मे प्रजनन दर लक्ष्य को पाने के लिए अपनानी होगी ‘हम दो हमारा एक’ की नीति : शर्मा

जयपुर, 16 जुलाई राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने शुक्रवार को एक बार फिर 'हम दो हमारे एक' की नीति पर जोर देते हुए कहा कि प्रजनन दर लक्ष्य को पाने के लिए यह नीति जरूरी है।

शर्मा ने कहा, ''सैम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे (एसआरएस) 2018 के अनुसार राजस्थान की कुल प्रजनन दर 2.5 प्रतिशत थी जबकि राष्ट्रीय औसत 2.2 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों के अनुसार हमारा लक्ष्य वर्ष 2025 तक कुल प्रजनन दर को 2.1 प्रतिशत तक लाना है। इसके लिए हमें जनसंख्या नियंत्रण के लिए ‘हम दो हमारे एक’ की नीति ही अपनानी होगी।''

चिकित्सा मंत्री शुक्रवार को राज्य स्तरीय परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या की समस्या अब देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विकराल रूप ले चुकी है। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रकृति का संतुलन निरंतर बिगड़ता जा रहा है। इससे खाद्यान्न, पेयजल, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की समस्याएं हो रही है।

कार्यक्रम में शर्मा ने कहा कि 11 से 24 जुलाई तक 'जनसंख्या स्थिरता' पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। पखवाड़े की थीम ‘आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी’ का संदेश गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी तक पहुंचाया जा रहा है।

चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत नसबंदी कार्यक्रम में महिलाओं का योगदान लगभग 99 प्रतिशत व पुरूषों का मात्र एक प्रतिशत है, जबकि पुरुष नसबंदी बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा ने कहा, ''परिवार नियोजन व्यक्ति विशेष के साथ-साथ सामुदायिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि हम स्वयं परिवार कल्याण के साधनों को अपनाने के साथ दूसरों को भी प्रेरित करेंगे तो बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।''

निदेशक आरसीएच डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला ने बताया कि राजस्थान में कुल प्रजनन दर 2000 में 4.1 प्रतिशत थी, जो कि 2018 में कम होकर 2.5 प्रतिशत हो गई है और वर्तमान में 2.3 प्रतिशत के लगभग है। उन्होंने भी समय के साथ प्रजनन दर को नियंत्रित करने पर जोर दिया।

इस अवसर पर सम्मानित जिलों के जन प्रतिनिधि, कलक्टर, चिकित्सा कार्मिक और संबंधित अधिकारी स्वास्थ्य भवन से ऑनलाइन जुड़े रहे। मिशन परिवार विकास वाले 14 जिलों की श्रेणी में वर्ष 2020-21 में परिवार कल्याण के क्षेत्र बांसवाड़ा जिले को 11 लाख रुपये की राशि का प्रथम, करौली जिले को 8 लाख रुपये राशि का द्वितीय व पाली जिले को 5 लाख राशि का तृतीय पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र दिया गया।

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