"पीठ पर जोरदार घूंसे मारेंगे, अगर..." विपक्षी दलों को टीएमसी नेता सौगत रॉय ने दी चेतावनी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2022 07:24 AM2022-09-04T07:24:55+5:302022-09-04T07:34:17+5:30
यह पहली बार नहीं है कि टीएमसी नेता सौगत रॉय ने विपक्षी दलों को ऐसी चेतावनी दी है। इससे पहले भी वह इस तरह के बयान दे चुके है।
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने शनिवार को विपक्षी दलों को यह चेतावनी देकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस के हर नेता पर ‘‘चोर’’ होने का ठप्पा लगाने वालों को पार्टी कार्यकर्ता ‘‘पीठ पर घूंसे मारेंगे।’’
सौगत रॉय ने क्या कहा
रॉय ने उत्तरी कोलकाता के दमदम में एक बैठक में कहा कि अगर विपक्षी दल - भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)- पूर्व मंत्री एवं पार्टी से निलंबित नेता पार्थ चटर्जी को निशाना बनाते हैं, तो वह इस पर आपत्ति नहीं जताएंगे, लेकिन उन्हें हर तृणमूल नेता पर ‘चोर’ का ठप्पा लगाने की ‘‘भूल’’ नहीं करनी चाहिए।
भाजपा ने किया पलटवार
रॉय ने विपक्ष को चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘यदि आप इस प्रकार की टिप्पणी करते हैं, तो अपनी पीठ पर जोरदार घूंसों के लिए तैयार हो जाइए। फिर शिकायत मत करना।’’ इस भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पलटवार करते हुए कहा कि रॉय ने तृणमूल में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए यह टिप्पणी की है।
रॉय ने कहा, ‘‘अगर हमारी नेता ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार की रानी के रूप में वर्णित किया जाता है, तो आपको (विपक्ष) नहीं पता कि पार्टी कार्यकर्ता नाराजगी में कैसी प्रतिक्रिया देंगे। जब लोग उग्र हो जाते हैं, तो वे अप्रत्याशित तरीके से प्रतिक्रिया देते हैं।’’
इससे पहले भी टीएमसी नेता दे चुके है ऐसे बयान
इस संबंध में विभिन्न टीवी समाचार चैनल पर प्रसारित फुटेज की स्वतंत्र रूप से टिप्पणी नहीं करता है। रॉय ने एक महीने पहले एक बैठक में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि यदि विपक्ष तृणमूल पर चोरों की पार्टी होने का ठप्पा लगाता है, तो आलोचकों की चमड़ियों से जूते बनाए जाएंगे।
उन्होंने कुछ दिनों बाद एक अन्य बैठक में कहा था कि विपक्ष में जो लोग तृणमूल कार्यकर्ताओं पर ‘चोर’ होने का ठप्पा लगाते हैं, उन्हें पार्टी कार्यकर्ता उनके इलाकों से बाहर निकाल देंगे।
दिलीप घोष ने उठाया सवाल
मामले में बोलते हुए घोष ने कहा, ‘‘मैं सौगत दा से पूछता हूं कि क्या आपकी पार्टी के लोगों को तब बुरा नहीं लगता, जब एक के बाद एक तृणमूल नेता को नौकरी संबंधी घोटालों और पशु तस्करी के मामलों में गिरफ्तार किया जाता है, जब तृणमूल पंचायत और नगर पालिका के पदाधिकारी केंद्रीय ग्रामीण परियोजनाओं से धन लूटते हैं और जरूरतमंदों को वंचित करते हैं?’’