मुस्लिम महिला अधिकार दिवस पर तीन मंत्रियों ने तीन तलाक की पीड़िताओं से की बातचीत
By भाषा | Updated: August 1, 2021 17:06 IST2021-08-01T17:06:22+5:302021-08-01T17:06:22+5:30

मुस्लिम महिला अधिकार दिवस पर तीन मंत्रियों ने तीन तलाक की पीड़िताओं से की बातचीत
नयी दिल्ली, एक अगस्त तीन तलाक कुप्रथा के खिलाफ कानून लागू करने के उपलक्ष्य में, रविवार को देशभर में विभिन्न संगठनों ने मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के तौर पर मनाया और कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की। इस अवसर पर केंद्र के तीन मंत्रियों ने भी तीन तलाक कुप्रथा की पीड़िताओं से बातचीत की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी तथा श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव यहां ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ कार्यक्रम में शामिल हुए। केंद्रीय मंत्रियों ने कई मुस्लिम महिलाओं से भी बातचीत की, जो फौरी तीन तलाक प्रथा की पीड़ित थीं।
बयान में कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं ने एक अगस्त 2019 को इस प्रथा के खिलाफ कानून लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। कानून के तहत इस प्रथा को अपराध करार दिया गया। मुस्लिम महिलाओं ने मंत्रियों के साथ संवाद में कहा कि मोदी नेतृत्व वाली सरकार ने देश की मुस्लिम महिलाओं में ‘‘आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान और आत्मविश्वास’’ को मजबूत किया है और एक बार में कहकर दिए जाने वाले तीन तलाक की कुप्रथा के खिलाफ कानून लाकर उनके संवैधानिक, मौलिक और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की है। इस मौके पर मुस्लिम महिलाओं को संबोधित करते हुए ईरानी ने कहा कि एक अगस्त तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं के संघर्ष को सलाम करने का दिन है।
ईरानी ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और श्रम मंत्रालय उन सबको प्रोत्साहित करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। इस अवसर पर यादव ने कहा कि मोदी नेतृत्व वाली सरकार समाज के हर वर्ग की महिलाओं की गरिमा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
नकवी ने कहा कि तीन तलाक के खिलाफ कानून मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक ‘‘बड़ा सुधार’’ साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि कानून लागू होने के बाद देश भर में तीन तलाक के मामलों में उल्लेखनीय कमी आयी है।
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