त्रिपुरा में प्रतिबंधित संगठन एनएलएफटी के तीन उग्रवादी गिरफ्तार
By भाषा | Updated: January 2, 2020 15:16 IST2020-01-02T15:16:31+5:302020-01-02T15:16:31+5:30
एसपी ने बताया, ‘‘हमने उनके पास से एक पिस्तौल, छह कारतूस, बैंक की कई पासबुक, सिम कार्ड और उगाही के नोटिस, उगाही की रकम के चार्ट समेत कई अन्य दस्तावेज जब्त किए।’’ गिरफ्तार किए गए तीनों एनएलएफटी उग्रवादियों के खिलाफ देशद्रोह, उगाही और गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि पिछले साल 18 दिसंबर को एनएलएफटी ने त्रिपुरा से लोकसभा सांसद रेबती मोहन को संसद में नागरिकता (संशोधन) कानून के पक्ष में मतदान करने के लिए ‘‘धमकी भरा नोटिस’’ दिया था।

त्रिपुरा में प्रतिबंधित संगठन एनएलएफटी के तीन उग्रवादी गिरफ्तार
प्रतिबंधित संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के तीन उग्रवादियों को उत्तर त्रिपुरा जिले से गिरफ्तार किया गया और उनके पास से हथियार एवं गोलाबारूद जब्त किए गए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उत्तर त्रिपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक भानुपदा चक्रवर्ती ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम ने पानीसागर रेलवे स्टेशन पर छापा मारकर एनएलएफटी के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए दोनों उग्रवादियों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने धर्मनगर रेलवे स्टेशन पर छापा मारा और एनएलएफटी के एक अन्य उग्रवादी को गिरफ्तार किया।
एसपी ने बताया, ‘‘हमने उनके पास से एक पिस्तौल, छह कारतूस, बैंक की कई पासबुक, सिम कार्ड और उगाही के नोटिस, उगाही की रकम के चार्ट समेत कई अन्य दस्तावेज जब्त किए।’’ गिरफ्तार किए गए तीनों एनएलएफटी उग्रवादियों के खिलाफ देशद्रोह, उगाही और गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि पिछले साल 18 दिसंबर को एनएलएफटी ने त्रिपुरा से लोकसभा सांसद रेबती मोहन को संसद में नागरिकता (संशोधन) कानून के पक्ष में मतदान करने के लिए ‘‘धमकी भरा नोटिस’’ दिया था।
एनएलएफटी के स्वयंभू महासचिव डी उमथाई द्वारा जारी नोटिस में सांसद को इसके लिए ‘‘गंभीर परिणाम भुगतने और सामाजिक बहिष्कार’’ की धमकी दी गई थी। एनएलएफटी की स्थापना 12 मार्च, 1989 को हुई थी और धनंजय रेयांग इसका स्वयंभू अध्यक्ष था। वर्ष 1997 में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और बाद में आतंकवाद रोकथाम कानून (पोटा) के तहत संगठन को प्रतिबंधित किया गया। पिछले साल अगस्त में एनएलएफटी के 88 उग्रवादियों ने राज्य सरकार के सामने हथियार सहित आत्मसमर्पण किया था।