मैसूर अदालत बम धमाके मामले में अलकायदा समर्थक तीन लोग दोषी करार
By भाषा | Updated: October 8, 2021 21:49 IST2021-10-08T21:49:47+5:302021-10-08T21:49:47+5:30

मैसूर अदालत बम धमाके मामले में अलकायदा समर्थक तीन लोग दोषी करार
बेंगलुरू, आठ अक्टूबर एनआईए की अदालत ने 2016 में मैसूर के एक न्यायालय में हुए बम विस्फोट में भूमिका के लिये प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुड़ाव रखने वाले तीन लोगों को शुक्रवार को दोषी करार दिया।
एनआईए अधिकारी ने कहा कि तमिलनाडु के निवासी नैनार अब्बास अली, एम सैमसन करीम राजा और दाऊद सुलेमान को कर्नाटक के मैसूर शहर के चामराजपुरम में अदालत परिसर के एक सार्वजनिक शौचालय में 1 अगस्त 2016 को हुए बम विस्फोट में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया है।
अधिकारी ने बताया कि सजा 11 अक्टूबर को सुनाई जाएगी।
इस संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। गृह मंत्रालय के आदेशों के आधार पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने दोबारा प्राथमिकी दर्ज कर जांच अपने हाथ में ले ली थी।
एनआईए अधिकारी ने कहा कि मैसूरु में हुआ धमाका उन पांच विस्फोटों में से एक था जिन्हें अलकायदा से जुड़ाव रखने वाले बेस मूवमेंट के सदस्यों ने अंजाम दिय़ा था।
साल 2016 में उन्होंने इन बम धमाकों को अंजाम दिया। उन्होंने अप्रैल में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के चित्तौर में, मई में केरल के कोल्लम में, सितंबर में एक बार फिर नेल्लोर अदालत में तथा नवंबर में केरल की मलप्पुरम अदालत में बम धमाके को अंजाम दिया था।
एनआईए अधिकारी के अनुसार, अली और सुलेमान ने जनवरी 2015 में अल-कायदा और उसके नेता ओसामा बिन लादेन की विचारधारा से प्रेरित होकर तमिलनाडु में बेस मूवमेंट का गठन किया था।
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अन्य आरोपियों की भर्ती की और सरकारी विभागों, विशेष रूप से अदालतों को धमकाने की साजिश रची। उन्होंने सरकारी विभागों तथा अदालतों को ''एक विशेष धार्मिक समूह के साथ किए गए अत्याचार और अन्याय'' के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने व्यवस्थित रूप से जेल अधिकारियों और विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों तथा भारत में फ्रांसीसी दूतावास को धमकी दी।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने मई 2017 में नैनार अब्बास अली, राजा और सुलेमान के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और मामले की सुनवाई सितंबर 2021 में समाप्त हुई थी।
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