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तृणमूल छोड़ हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक को जान से मारने की धमकी

By भाषा | Updated: February 5, 2021 18:56 IST

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शांतिपुर (पश्चिम बंगाल), पांच फरवरी हाल ही में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शांतिपुर के पूर्व विधायक अरिंदम भट्टाचार्य को शुक्रवार की सुबह जान से मारने की धमकी मिली। धमकी देने वाले ने उन्हें नदिया जिले के विधानसभा क्षेत्र को तत्काल छोड़ने को कहा है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बंगाली भाषा में दो जगह दीवारों पर लिखकर धमकी दी गई है.... इनमें एक स्थान शांतिपुर के बागदेबी इलाके में और दूसरा बागचरा में स्थित है। इन्हें सबसे पहले पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने देखा।

धमकी में लिखा है, ‘‘अगले सात दिनों में शांतिपुर छोड़ दें वरना अपनी मौत के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे।’’

भाजपा में शामिल होने के बाद ‘वाई’ श्रेणी का सुरक्षा कवर प्राप्त करने वाले भट्टाचार्य ने कहा कि ‘‘ऐसी धमकियां उनके लिए नयी नहीं हैं।’’

संपर्क करने पर भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी है। मेरे लिए यह नया नहीं है। भाजपा में शामिल होने के बाद से मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है। मुझ पर हमला भी हुआ है... पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर कोई फायदा नहीं है। मैंने पार्टी में अपने वरिष्ठों को सूचित कर दिया है।’’

तृणमूल कांग्रेस नेताओं पर उन्हें डराने के प्रयास का आरोप लगाते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘यह मुझे डराने की साजिश है। मैं हार नहीं मानूंगा और शांतिपुर से फिर से चुनाव लडूंगा। यह दिखाता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है।’’

भट्टाचार्य सामान्य तौर पर शहर में रहते हैं और समय-समय पर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करते रहते हैं।

इस बीच स्थानीय पुलिस ने दीवारों पर लिखी धमकी पर पुताई करा उसे मिटा दिया है।

शांतिपुर थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है लेकिन हमारे अधिकारियों ने दीवारों पर लिखी धमकियों को पुताई करा मिटा दिया है। मामले में कौन शामिल था यह पता लगाने के लिए हम स्थानीय लोगों से बात कर रहे हैं।’’

गौरतलब है कि 2016 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले पूर्व विधायक एक साल के भीतर ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जनवरी, 2021 में भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने दावा किया कि वह सत्तारूढ़ दल के साथ रहते हुए स्वतंत्रता से काम नहीं कर पा रहे थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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