सत्ता में मौजूद लोग सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों को असली भारतीय मानते हैं, शेष को नहीं: मणिशंकर अय्यर

By भाषा | Updated: November 15, 2021 21:19 IST2021-11-15T21:19:58+5:302021-11-15T21:19:58+5:30

Those in power consider only people of Hindu religion as real Indians, not the rest: Mani Shankar Aiyar | सत्ता में मौजूद लोग सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों को असली भारतीय मानते हैं, शेष को नहीं: मणिशंकर अय्यर

सत्ता में मौजूद लोग सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों को असली भारतीय मानते हैं, शेष को नहीं: मणिशंकर अय्यर

नयी दिल्ली, 15 नवंबर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग हिंदू धर्म में विश्वास करने वाली 80 प्रतिशत आबादी को ही असली भारतीय मानते हैं और शेष लोगों को गैर भारतीय मानते हैं।

उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में रविवार को यह बात ऐसे वक्त में कही, जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘हिंदुत्व’ से जुड़ी टिप्पणी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पुस्तक में की गई टिप्पणी को लेकर बहस चल रही है।

कांग्रेस नेता अय्यर ने कहा, ‘‘हाल ही में राहुल गांधी जी ने यह कहा कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व में अंतर है। मैं यह जोड़ना चाहता हूं कि अंतर यह है कि जो हिंदू धर्म में विश्वास रखते हैं, वो सब भारतीय हैं। हम इस देश के सारे बाशिंदों को भारतीय समझते हैं।’’

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमारे बीच चंद लोग हैं, जो आज सत्ता में हैं, उनका कहना है कि जो 80 प्रतिशत लोग हिंदू धर्म को मानते हैं, वो ही असली भारतीय हैं, बाकी लोग गैर भारतीय हैं, हमारे देश में वो मेहमान के तौर पर रह रहे हैं, जब चाहें उन्हें निकाल देंगे।’’

अय्यर के मुताबिक, जवाहरलाल नेहरू को भारत की विविधता के बारे में अच्छी तरह पता था।

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘वेदों के जमाने से चला आया है कि हिंदू कहता है कि सत्य की खोज करना हमारा कर्तव्य बनता है, लेकिन सत्य तो अनेक रूप में हो सकता है। अनेक पथ हैं, एक ही पथ नहीं है। भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां अनेक पथ हैं। भारत ने प्राचीनकाल से यह समझ लिया था कि जो कहता है कि एक पथ है, वो हिंदू कभी नहीं बन सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का इतिहास दर्शाता है कि इन अलग अलग पथों का मिलन हो सकता है। जब मिलन होता है तो सबके अच्छे पहलुओं को आपस में समेट में लेते हैं। यह कभी नहीं हो सकता कि दूसरों की सोच में कुछ भी अच्छा नहीं पाया जाता हो।’’

मुगलकाल का उल्लेख करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा के लोग मुझे ‘बाबर की औलाद’ कहते हैं। इन लोगों को बताना चाहता हूं कि बाबर 1526 में भारत आया और इसके चार साल ही बाद उसकी मौत हो गई। उसने अपने सबसे बड़े बेटे हूमायूं को पत्र लिखकर बताया था कि अगर इस देश को चलाना चाहते हो, साम्राज्य को सुरक्षित रखना चाहते हो तो यहां के निवासियों के धर्म में आप दखल मत दीजिएगा क्योंकि ये लोग सभ्य लोग हैं, इनका एक प्राचीन विश्वास है, इनका फलसफा गहरा है।’’

उनके मुताबिक, ‘‘हूमायूं के बेटे अकबर ने देश में 50 साल राज किया। कांग्रेस का दफ्तर अकबर रोड पर है। हमें कोई ऐतराज नहीं है क्योंकि हम अकबर को गैर नहीं समझते हैं। बाबर के उस निर्देश को स्वीकार करने में अकबर ज्यादा कामयाब हुआ। जहांगीर आधा राजपूत था। शाहजहां का तीन हिस्सा हिंदू था।’’

अय्यर ने कहा, ‘‘दिल्ली की गद्दी पर 666 साल तक मुसलमान शासक रहे। इसके बावजूद देश में कितने हिंदू रहे और कितने मुसलमान रहे। 1872 में अंग्रेजों ने पहली जनगणना करवाई, जिसमें पता चला कि मुसलमानों की संख्या 24 प्रतिशत है और हिंदुओं की आबादी 72 प्रतिशत थी। लेकिन ये (भाजपा के लोग) कहते हैं कि उन्होंने (मुस्लिम शासकों ने) सबको मुसलमान बनाया। अगर ऐसा होता तो आंकड़े अलग होते।’’

उनके अनुसार, भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां मुसलमान आए, लेकिन यह देश इस्लामी देश नहीं बना।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के मुसलमानों को पाकिस्तान जाने का मौका मिला था, लेकिन वो नहीं गए। अब उनको कहा जाता है कि पाकिस्तान जाओ। सलमान खान, शाहरुख खान, आमिर खान को कहते हैं कि पाकिस्तान जाओ? क्यों नहीं इंडोनेशिया और सऊदी अरब जाओ? इसलिए क्योंकि ये लोग सिर्फ नफरत की राजनीति करते हैं।’’

अय्यर की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोई सीधी टिप्पणी करने से इनकार किया और सिर्फ यह कहा कि इतिहास में हर तरह के व्यक्ति हुए हैं।

सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने उनकी बात को सुना नहीं हैं। उनके शब्द और उद्देश्य को नहीं जानता हूं। उस पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। मैं आपके सामान्य सवाल का जवाब दे रहा हूं। क्या इसमें कोई दो राय हो सकती है कि इतिहास में कैसा भी व्यक्ति रहा हो, निंदनीय रहा हो या प्रशंसनीय रहा हो, वह भारत के इतिहास एवं सभ्यता से जुड़ा नहीं है? इतिहास में अलग-अलग मापदंड वाले व्यक्ति हुए हैं। कोई देश अपनी संस्कृति और इतिहास को झुठलाकर और उसे नये रूप से लिखकर आगे नहीं बढ़ा है।

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