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यह दशक वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है: मोदी

By भाषा | Updated: July 1, 2021 17:10 IST

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नयी दिल्ली, एक जुलाई प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘‘डिजिटल भारत’’ अभियान को आत्मनिर्भर भारत की साधना करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह दशक वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में देश की हिस्सेदारी को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है।

‘‘डिजिटल भारत’’ अभियान के छह वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि डिजिटल रूप से सशक्त युवा इस दशक को भारत का ‘टेकेड’ बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘‘डिजिटल भारत’’ कार्यक्रम के कई लाभार्थियों के साथ संवाद भी किया और उनके अनुभव सुने। इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रव‍ि शंकर प्रसाद भी इस अवसर पर मौजूद थे।

मोदी ने कहा, ‘‘आज का दिन भारत के सामर्थ्य, भारत के संकल्प और भविष्य की असीम संभावनाओं को समर्पित है। यह दशक डिजिटल प्रौद्योगिकी में भारत की क्षमताओं को... ग्लोबल डिजिटल इकॉनॉमी में भारत की हिस्सेदारी को... बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है। इसलिए बड़े-बड़े विशेषज्ञ इस दशक को ‘इंडियाज टेकेड’ के रूप में देख रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश में आज एक तरफ नवाचार का जुनून है तो दूसरी तरफ उन नवाचारों को तेजी से अपनाने का जज्बा भी है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, डिजिटल इंडिया, भारत का संकल्प है। डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत की साधना है, डिजिटल इंडिया, 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह दशक डिजिटल प्रौद्योगिकी, वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी में भारत की क्षमताओं को काफी बढ़ाने जा रहा है। 5जी तकनीक विश्व में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी और भारत उसके लिए तैयारी कर रहा है।’’

उन्होंने विश्वास जताया कि डिजिटल सशक्तिकरण के कारण युवा आपको नई ऊंचाइयों पर ले जाते रहेंगे। और इस दशक को 'भारत के टेकेड' के रूप में बनाने में मदद करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’’ के सिद्धातों पर चलते हुए सरकार और जनता के बीच, शासन तंत्र और सुविधाओं के बीच और समस्याओं व सेवा के बीच की खाई को कम करना, मुश्किलें कम करना और जन सामान्य की सुविधाओं में वृद्धि करना ही समय की मांग रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ड्राइविंग लाइसेंस हो या जन्म प्रमाण पत्र, बिजली का बिल भरना हो या पानी का बिल भरना हो, आयकर रिटर्न भरना हो या इस तरह के अन्य काम... अब प्रक्रियाएं डिजिटल इंडिया की मदद से बहुत आसान, बहुत तेज हुई हैं। गांवों में तो यह सब, अब अपने घर के पास जन सेवा केंद्रों पर हो रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोरोना काल में भारत ने जो डिजिटल समाधान तैयार किए हैं, वह आज पूरी दुनिया में चर्चा और आकर्षण का विषय हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आरोग्य सेतु एप से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदद मिली वहीं टीकाकरण अभियान में कोविन एप बहुत मददगार साबित हो रहा है। टीकाकरण के लिए भारत के कोविन एप में तो अनेकों देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। टीकाकरण की प्रक्रिया के लिए ऐसा निगरानी तंत्र होना हमारी तकनीकी कुशलता का प्रमाण है।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ‘‘डिजिटल भारत’’ अभियान देश के कितना काम आया है, यह सभी ने देखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस समय बड़े-बड़े समृद्ध देश, लॉकडाउन के कारण अपने नागरिकों को सहायता राशि नहीं भेज पा रहे थे, भारत हजारों करोड़ रुपए, सीधे लोगों के बैंक खातों में भेज रहा था। किसानों के जीवन में भी डिजिटल लेनदेन से अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को 1.35 करोड़ रुपए सीधे बैंक खातों में जमा किए गए हैं। डिजिटल इंडिया ने वन नेशन, वन एमएसपी की भावना को भी साकार किया है।’’

उन्होंने कहा कि बुधवार को ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के चार वर्ष पूरे हुए हैं और कोरोना काल के बावजूद पिछले आठ महीने से लगातार जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर रहा है जबकि आज एक करोड़ 28 लाख रजिस्टर्ड उद्यमी इसका लाभ ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजी लॉकर इस बात का अच्छा उदाहरण साबि‍त हुआ है कि डिजिटल इंडिया कितना प्रभावी रहा।

उन्होंने कहा, ‘‘अब डिजिलॉकर में स्कूल और कॉलेज के दस्तावेज, आधार, पैन और वोटर आईडी कार्ड समेत सभी जरूरी दस्तावेज आसानी से और सुरक्षित तरीके से रखे जा सकेंगे।’’

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से है, ‘‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’’ जैसी पहल को साकार किया गया है।

उन्होंने सभी राज्यों से इस पहल को अपने-अपने राज्यों में लागू करने के लिए कहने के लिए उच्चतम न्यायालय की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘डिजिटल भारत’’ के लिए बुनियादी ढांचे तैयार करने के पैमाने और गति पर काफी जोर दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 2.5 लाख जन सेवा केंद्रों के माध्यम से इंटरनेट दूरदराज इलाकों में पहुंच गया है। भारत नेट योजना के अंतर्गत गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट लाने के लिए मिशन मोड में काम चल रहा है। पीएम वाणी के माध्यम से एक्सेस प्वाइंट बनाए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण युवा बेहतर सेवाओं और शिक्षा के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ सकें।’’

उन्होंने कहा कि देश भर के छात्रों को किफायती टैबलेट और डिजिटल डिवाइस की पेशकश की जा रही है और इस लक्ष्य को साकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी की पेशकश की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के कारण पिछले 6-7 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों के बैंक खातों में करीब 17 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं।

इस अवसर पर प्रसाद ने कहा कि ‘‘डिजिटल भारत’’ अभियान ने नागरिक सेवाओं में एक अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को आंदोलन के रूप में और आगे बढ़ाया जाएगा जिसमें भविष्य की प्रौद्योगिकी और ‘‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’’ का इस्तेमाल किया जाएगा।

इस कार्यक्रम का आयोजन इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने एक जुलाई 2015 को ‘‘डिजिटल भारत’’ का शुभारंभ किया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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