सरकारी दावों के उलट कश्मीर में सब कुछ ठीक नहीं, बीते 22 दिनों में हर रोज हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी की घटनाएं
By सुरेश डुग्गर | Published: August 26, 2019 07:06 PM2019-08-26T19:06:51+5:302019-08-26T19:06:51+5:30
सरकारी दावों के अनुसार, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, काजीगुंड, गांदरबल, बडगाम व कंगन में भी स्थिति सामान्य है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि वादी में स्थिति पूरी तरह शांत है।
ऐसे में जबकि पत्थरबाजों ने कश्मीर में बीती रात एक नागरिक की जान ले ली और कईयों को घायल कर दिया, सरकार कश्मीर में सब कुछ शांत होने और सामान्य होने का दावा करने से नहीं चूक रही। वह कह रही है कि शांति की बयार में जिन्दगी पटरी पर लौट रही है। जबकि सच्चाई यह है कि बीते 22 दिनों में प्रत्येक दिन दो से चार विरोध प्रदर्शनों और पत्थरबाजी की घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। घायल होने वालों का गैर सरकारी आंकड़ा अब 300 को पार कर गया है।
प्रशासन के दावे के मुताबिक, कश्मीर घाटी में सुधरते हालात को देखते हुए 72 पुलिस थाना क्षेत्रों से दिन की पाबंदियों को हटा लिया है। इन इलाकों में स्कूल पहले से ही खोले जा चुके हैं। सोमवार को अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए जाते हुए दिखे। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारी पहुंचे और कामकाज शुरू किया। शहर की अधिकांश दुकानें बंद थी परंतु सड़क किनारे कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगाई हुई हैं और लोग वहां खरीददारी भी कर रहे हैं। कश्मीर में लैंडलाइन की सुविधा भी शुरू हो चुकी है।
प्रशासन ने अभी तक उन्हीं इलाकों में पाबंदियों व सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी हुई है जहां अप्रिय घटना होने की आशंका बनी हुई है। सुबह से ही श्रीनगर के मुख्य शहर सहित अन्य इलाकों में लोगों की आवाजाही सामान्य रही। सड़कों पर वाहन भी उतरे। अलगाववादियों के गढ़ डाउन-टाउन के तीन थाना क्षेत्रों में दिन की निषेधाज्ञा नहीं थी। इन थाना क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में सड़कों पर कंटीले तार भी हटा लिए गए हैं। अधिकांश दुकानें बंद रही परंतु सड़कों पर आम लोगों की आवाजाही सामान्य रही। गत रविवार को श्रीनगर में संडे बाजार भी लगा हालांकि दुकानदारों की संख्या कम रही।
सरकारी दावों के अनुसार, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, काजीगुंड, गांदरबल, बडगाम व कंगन में भी स्थिति सामान्य है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि वादी में स्थिति पूरी तरह शांत है। शरारती तत्वों के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए संवेदनशील इलाकों में अभी भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं।
गौरतलब है कि पांच अगस्त के बाद से कश्मीर में उपजी कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर प्रशासन ने आम लोगों के जानमाल की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए पूरी वादी में प्रशासनिक पाबंदियां लागू कर दी थी। अफवाहों पर काबू पाने के लिए टेलीफोन व इंटरनेट सेवाओं को ठप करने के अलावा शिक्षण संस्थान भी बंद कर दिए थे। सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई थी, लेकिन हालात में सुधार के साथ ही प्रशासनिक पाबंदियों में राहत देने का सिलसिला शुरू हो गया है।