कोविड के टीके के वैज्ञानिक और नियामक मानदंडों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा: हर्षवर्धन

By भाषा | Updated: December 10, 2020 22:43 IST2020-12-10T22:43:57+5:302020-12-10T22:43:57+5:30

There will be no compromise on scientific and regulatory norms of Kovid vaccine: Harsh Vardhan | कोविड के टीके के वैज्ञानिक और नियामक मानदंडों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा: हर्षवर्धन

कोविड के टीके के वैज्ञानिक और नियामक मानदंडों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा: हर्षवर्धन

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 का टीका सख्त निगरानी में आगामी कुछ हफ्तों में उपलब्ध हो जाने की उम्मीद है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि टीकों के परीक्षण के सुरक्षित होने से लेकर इसकी कारगरता तक के वैज्ञानिक एवं नियामक मानदंडों पर कोई समझौता नहीं हो।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, वर्धन ने यहां विश्व बैंक द्वारा कोविड-19 के खिलाफ ‘दक्षिण एशिया का टीकाकरण’ पर अंतर-मंत्रालयी बैठक को डिजिटल माध्यमों से संबोधित करते हुए यह बात कही।

बयान के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री ने इस बारे में विस्तार से बताया कि मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण कार्यक्रम की मौजूदा डिजिटल व्यवस्था के माध्यम से किस तरह से देश अत्याधुनिक ‘को-विन’ डिजिटल मंच निर्मित कर रहा है, जो नागरिकों को टीकाकरण के लिए स्वयं पंजीकरण करने की अनुमति देगा, उनकी स्थिति की निगरानी करेगा और प्रक्रिया पूरी हो जाने पर क्यूआर कोड आधारित इलेक्ट्रॉनिक टीकाकरण प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने टीके की मौजूदा जरूरत का विश्लेषण किया है और क्षमता, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा तथा कार्यबल बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह उम्मीद है कि टीका आगामी कुछ हफ्तों में उपलब्ध हो जाएगा और संबद्ध नियामक एजेंसी से मंजूरी मिलते ही भारत में टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।’’

उन्होंने जिक्र किया, ‘‘सख्त निगरानी में, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि टीके के परीक्षण के सुरक्षित होने से लेकर इसकी कारगरता तक कोई समझौता नहीं हो। ’’

वर्धन ने हर किसी को प्रधानमंत्री की मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता को याद दिलाया, जो टीकों के उत्पादन में लगी फार्मास्यूटिकल कंपनियों के विनिर्माण केंद्रों का दौरा कर टीके के उत्पादन की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं, वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं और प्रक्रिया की गति बढ़ा रहे हैं।

देश में कोविड-19 महामारी के प्रति सरकार और समाज के संपूर्ण रुख का सार प्रस्तुत करते हुए वर्धन ने कहा कि कारगर योजना और रणनीतिक प्रबंधन ने भारत को कोविड-19 के मामले प्रति 10 लाख आबादी पर 7,078 रखने में सक्षम बनाया, जबकि वैश्विक औसत 8,883 है। भारत में इस महामारी से होने वाली मृत्यु की दर भी 1.45 प्रतिशत है जो वैश्विक औसत 2.29 प्रतिशत से काफी कम है।

वर्धन ने भारत के टीका वितरण करने की विशेषज्ञता, उत्पादन एवं भंडारण से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में कुल 260 टीके विकसित करने पर विभिन्न चरणों में काम चल रहा है। इनमें से आठ टीकों का भारत में विनिर्माण हो रहा है, जिनमें तीन टीके स्वदेशी हैं।

मंत्री ने महामारी के खिलाफ विश्व भर में काफी संख्या में अपना बलिदान देने वाले कोरोना योद्धाओं के साहस को सलाम करते हुए अपना संबोधन पूरा किया।

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