यूपी विधानसभा के 4 दिनों के मानसून सत्र में होगा खूब हंगामा, इन मुदों पर योगी सरकार को घेरेगा विपक्ष
By राजेंद्र कुमार | Updated: August 10, 2025 21:18 IST2025-08-10T21:18:39+5:302025-08-10T21:18:49+5:30
सूबे का प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस, योगी सरकार को स्कूल के मर्जर, सूबे में आयी बाढ़, किसानों को हो रही खाद की किल्लत, बिजली की कमी तथा सूबे की कानून व्यवस्था और मंत्री द्वारा अधिकारियों को लेकर की जा रही विवादित टिप्पणियों को लेकर घेरने की तैयारी में हैं.

यूपी विधानसभा के 4 दिनों के मानसून सत्र में होगा खूब हंगामा, इन मुदों पर योगी सरकार को घेरेगा विपक्ष
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सोमवार (11 अगस्त) से शुरू होने वाला विधानसभा सत्र इस बार काफी हंगामेदार रहने वाला है. सूबे का प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस, योगी सरकार को स्कूल के मर्जर, सूबे में आयी बाढ़, किसानों को हो रही खाद की किल्लत, बिजली की कमी तथा सूबे की कानून व्यवस्था और मंत्री द्वारा अधिकारियों को लेकर की जा रही विवादित टिप्पणियों को लेकर घेरने की तैयारी में हैं.
इस संबंध में सपा और कांग्रेस के विधायकों ने आपस में वार्ता कर सदन में सरकार को हर मोर्चे पार तगड़ा जवाब देने की फैसला भी किया है. कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा के कहना है कि योगी सरकार झूठे दावे करने के सारे रिकार्ड तोड़ चुकी है और अब चार दिन के मानसून सत्र में योगी सरकार के झूठे दावों की पोल खोली जाएगी.
विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा :
उत्तर प्रदेश विधान मंडल (विधान सभा और विधान परिषद) का मानसून सत्र 11 अगस्त को पूर्वाह्न 11:00 बजे से शुरू होगा. इससे पहले विधानसभा का पिछला सत्र 18 फरवरी से 5 मार्च 2025 तक आयोजित हुआ था. सोमवार से शुरू होने वाले सत्र यूपी में अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारी के लिहाज से भी बेहद अहम माना जा रहा है.
सरकार चार दिन चलने वाले इस सत्र के दौरान यह संदेश देने के प्रयास में है कि उसे गांवों और किसानों की बहुत परवाह है. और योगी सरकार के नेतृत्व में प्रदेश में बड़े-बड़े निवेशक अपने उद्यम को लगाने के लिए आतुर हैं. इसके विपरीत विपक्षी दल योगी सरकार को झूठे दावे करने वाली सरकार साबित करने का प्रयास करेंगे. इसके लिए विपक्षी दल योगी सरकार द्वारा हाल ही में किए गए स्कूलों के विलय (मर्जर) को प्रमुख मुद्दा बनाएंगे.
इस मामले को लेकर सपा गांव-गांव में पीडीए पाठशाला चला रही है, जिसमें बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. सपा की यह मुहिम योगी सरकार के मंत्रियों को अखर रही है. जाहिर है कि इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक होगी. इसी तरह गांवों में खाद की किल्लत के मुद्दे को भी सपा और कांग्रेस के विधायक सदन में उठाकर सरकार को घेरेंगे.
विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य के हर गांव में किसानों को खाद के लिए ज्यादा दाम देने पर रहे हैं क्योंकि सरकार के तमाम प्रयास करने के बाद भी खाद की कालाबाजारी हो रही है. राज्य की कानून-व्यवस्था के मसले पर भी भदोही से सपा के विधायक ज़ाहिद बेग ने सदन में योगी सरकार को घेरने का फैसला किया है. ज़ाहिद बेग का कहना है कि विपक्ष के विधायक और नेताओं पर झूठे मुकदमे पुलिस दायर कर रही है.
इसके तमाम सबूत वह सदन के भीतर देंगे. कांग्रेस की विधायक आराधना मिश्रा सूबे के अस्पतालों की बदहाली और प्रयागराज सहित राज्य के कई जिलों में बाढ़ से हुए नुकसान के मुद्दे को सदन में उठाएंगी. महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे के अलावा अधिकारियों के तबादलों में अनियमितताओं के मामले को लेकर भी विपक्ष सदन में सरकार को घेरेगा.
कुल मिलाकर यह सत्र अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारी के लिहाज से बेहद अहम है. ऐसे में विपक्ष अपनी सियासी धार तेज करेगा, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार विकास योजनाओं और कानून व्यवस्था में सुधार की बातों को प्रमुखता से रखेगी.
सदन में रखे जाएंगे छह अध्यादेश के प्रतिस्थानी विधेयक :
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के अनुसार, सदन में 11 अगस्त को औपचारिक कार्य होगा और कई अध्यादेश, अधिसूचना, नियम आदि सदन के पटल पर रखे जाएंगे. 12 से 14 अगस्त के बीच तीन दिन विधायी कार्य होंगे. प्रदेश सरकार ने बजट सत्र के बाद छह अध्यादेश पास कराए हैं.
इनमें उत्तर प्रदेश श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास अध्यादेश, उत्तर प्रदेश निरसन अध्यादेश, उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश व उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश शामिल हैं.
इन अध्यादेश की सूचना देने के साथ ही इनके प्रतिस्थानी विधेयक भी सदन में पास कराए जाएंगे. इसके अलावा सीएजी की कई रिपोर्ट भी सदन में रखी जाएंगी.